इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भारत-चीन करीब, डिक्सन को जेवी की मंजूरी

भारत सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में घरेलू और चीनी कंपनियों के बीच सहयोग को लेकर अधिक लचीलापन दिखा रही है। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर लगभग 60% इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण चीन में होता है, जिसे पूरी तरह नज़रअंदाज करना व्यावहारिक नहीं है।

उन्होंने कहा, “भारत और चीन के संबंधों में कुछ सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में पर्यटक वीजा सेवा की बहाली इसी का एक उदाहरण है। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में कुछ हद तक सहयोग आवश्यक हो जाता है।”

यह टिप्पणी उस समय आई जब एक सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज और चीन की लॉन्गचीयर कंपनी के बीच संयुक्त उद्यम (JV) को मंजूरी दी है। इस पर सूत्रों ने पुष्टि की कि सरकार ने इस साझेदारी को स्वीकृति दे दी है।

डिक्सन टेक्नोलॉजीज, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के क्षेत्र में अपने विस्तार के लिए चीन की कई अन्य कंपनियों से भी बातचीत कर रही है। कंपनी ने मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे उत्पादों में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स के निर्माण और बिक्री के लिए चीन की चोंगकिंग युहाई प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड और कुनशान क्यू टेक्नोलॉजी की भारतीय इकाइयों के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं।

इसके अलावा, डिक्सन की चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के साथ भी एक संयुक्त उद्यम पर काम जारी है, जो निर्माणाधीन चरण में है।

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