इंचियोन दक्षिण कोरिया के दौरे पर पहुंचीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि लंबी अवधि में सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें चार 'I' फोकस करने की जरूरत हैं। ये चार 'I' हैं- Infrastructure (बुनियादी ढांचा), Investment (निवेश), Innovation (नवाचार) और Inclusivity (समावेशिता)। वित्त मंत्री ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने बीते कुछ वर्षों में कई परेशानियों और उथल-पुथल का सामना किया है।
निवेश और नवाचार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी
दुनिया के अलग-अलग देशों ने सरकारी कर्ज में इजाफा कर समाज के कमजोर वर्ग की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं। एशियाई डेवलपमेंट बैंक की सेमिनार में बोलते हुए सीतारमण ने जोर दिया कि निवेश और नवाचार को बढ़ाने लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। चार आई के महत्व के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश जरूरी है, क्योंकि इससे नए रोजगार का सृजन होता है।
विकास की यात्रा में समाज के सभी वर्गों को भागीदार बनाया जाना चाहिए
सीतारमण ने इनोवेशन यानी नवाचार का जिक्र करते हुए कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए स्टार्टअप्स के नवाचार युक्त समाधानों की जरूरत है। वित्तमंत्री ने कहा कि चौथा आई है इन्क्लुसिविटी यानी समावेशिता। समाज में मतभेद हो सकते हैं पर विकास की यात्रा में समाज के सभी वर्गों को भागीदार बनाया जाना चाहिए।
वित्त मंत्री बोलीं- विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए चार 'आई' जरूरी
उन्होंने कहा, 'इसलिए लंबी अवधि के लक्ष्य हासिल करने के लिए 4आई जरूरी है। इसमें सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश ही नहीं बल्कि निजी क्षेत्र की भागीदारी भी जरूरी है। भारत ने पिछले तीन-चार साल में बुनियादी ढांचे के विकास पर खरबों रुपये खर्च किए हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि श्रम प्रधान उद्योगों पर ध्यान देने और कौशल विकास प्रदान करने की आवश्यकता है।