एडीजीपी वाई पूरण कुमार के गनमैन रहे हवलदार सुशील कुमार के खिलाफ शराब ठेकेदार से मंथली वसूली मांगने के मामले में शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई। आरोपी ने अंबाला सेंट्रल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एएसजे कपिल राठी की अदालत में हाजिरी लगाई। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को निर्धारित की गई है। इस बीच, जांच कर रही एसआईटी ने आरोपी के खिलाफ अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है।

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, शराब ठेकेदार प्रवीण बंसल ने 6 अक्टूबर को अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उसे बड़े अपराधियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है और इसी कारण उसे पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। बंसल ने कहा कि हिमांशु भाऊ गैंग के कई सदस्य उसके ठेके में शामिल हैं, जिससे उसकी जान का खतरा बना रहता है।

शिकायत में दावा किया गया कि हवलदार सुशील कुमार ने खुद को आईजी का खास आदमी बताते हुए प्रवीण बंसल से मंथली की मांग की। उन्होंने बताया कि जून माह में आईजी कार्यालय में बुलाकर पुलिसकर्मी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर रोहतक में शराब का व्यवसाय करना है तो हर महीने पैसे देने होंगे, अन्यथा उन पर और उनके साथियों पर शराब तस्करी के मुकदमे दर्ज करवाए जाएंगे।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने प्रवीण बंसल को अपने कार्यालय बुलाया और अपने साथी जयभगवान के साथ ढाई लाख रुपये मंथली के तौर पर मांगे। इस शिकायत के बाद पुलिस ने सुशील कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 7 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार किया। आरोपी तब से न्यायिक हिरासत में हैं और रोहतक जेल से उन्हें अंबाला सेंट्रल जेल भेजा गया है।