कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया है। कबीर ने हाल ही में 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा की थी, जिसे पार्टी ने गंभीर अनुशासन उल्लंघन और धार्मिक भावना से जुड़ी राजनीति के रूप में देखा।

बंगाल के नगर मामलों और शहरी विकास मंत्री एवं कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि कबीर की गतिविधियां राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा के पीछे भाजपा का हाथ है और यह राज्य में विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास है।

हुमायूं कबीर ने निलंबन के बाद बहरमपुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सभा स्थल से निकलते हुए कहा कि वह शुक्रवार को इस्तीफा देंगे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह पार्टी से होगा या विधायक पद से। उन्होंने यह भी कहा कि 22 दिसंबर को नई पार्टी की घोषणा करेंगे और 2026 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।

कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री मंदिर निर्माण में सक्रिय हैं लेकिन मस्जिद निर्माण में बाधा डाल रही हैं और भाजपा तथा आरएसएस की मदद कर रही हैं। कबीर ने अपनी गिरफ्तारी और हत्या की आशंका भी जताई।

राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो हुमायूं कबीर ने 1993 में कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हुए, 2015 में छह साल के लिए निलंबित किए गए, फिर कांग्रेस लौटे, 2018 में भाजपा में गए और 2019 में मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने फिर से टीएमसी जॉइन की थी। विवादित बयानों और गतिविधियों के कारण पार्टी ने कई बार उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।