नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी, जिसमें मदुरै स्थित थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर पारंपरिक कार्तिगई दीपम को प्रज्वलित करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने राज्य सरकार के वकील की दलीलों को सुना और याचिका को उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध करने पर विचार करने का निर्देश दिया।
मद्रास हाईकोर्ट ने दी थी अनुमति
मद्रास उच्च न्यायालय ने अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर के श्रद्धालुओं को दीप प्रज्वलित करने की अनुमति दी थी। विवाद उस पत्थर के दीप 'दीपाथून' को लेकर है, जो एक दरगाह के नजदीक स्थित है। गुरुवार को मदुरै पीठ ने जिले के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर की इंट्रा-कोर्ट अपील खारिज कर दी थी और श्रद्धालुओं को दीप प्रज्वलित करने की मंजूरी दी। इसके विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
मामले का पूरा घटनाक्रम
1 दिसंबर को मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि दीपाथून पर दीया प्रज्वलित करने की जिम्मेदारी मंदिर प्रशासन की होगी और यह नजदीकी दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं है। हालांकि आदेश के बाद भी दीप प्रज्वलित नहीं किया गया। 3 दिसंबर को कोर्ट ने श्रद्धालुओं को दीप प्रज्वलित करने के लिए कहा और सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंपी। इसके बाद जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील दाखिल की, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।