टाटा ग्रुप ने बीते पांच वर्षों में खुद को नए दौर की चुनौतियों के अनुरूप ढालते हुए जबरदस्त बदलाव किए हैं। ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि में कंपनी ने करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया ताकि संगठन को हर स्तर पर सक्षम और भविष्य के लिए तैयार बनाया जा सके। परिणामस्वरूप, टाटा समूह की आय दोगुनी, जबकि शुद्ध लाभ और बाजार मूल्यांकन (मार्केट कैप) में तीन गुना तक बढ़ोतरी देखने को मिली।

FY25 में 15.34 लाख करोड़ की कमाई

वित्त वर्ष 2024-25 में समूह की कुल आय ₹15.34 लाख करोड़ दर्ज की गई, जबकि शुद्ध मुनाफा ₹1.13 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी का कुल बाजार मूल्य ₹37.84 लाख करोड़ हो गया। चंद्रशेखरन ने बताया कि समूह ने समय के अनुसार पुरानी नीतियों और फैसलों की समीक्षा कर बदलाव किए। उनका फोकस रहा कि संगठन को पहले भीतर से मज़बूत बनाया जाए, उसके बाद तेजी से आगे बढ़ाया जाए।

ग्रुप की रीढ़ बनी TCS

इस दौरान टाटा सन्स की आय 24% बढ़कर ₹5.92 लाख करोड़ रही, जबकि शुद्ध लाभ 17% घटकर ₹28,898 करोड़ पर आ गया। हालांकि, TCS ने ग्रुप के मुनाफे में सबसे अहम भूमिका निभाई, जहां से अकेले 43% लाभ आया। यानी हर ₹100 की कमाई में ₹43 सिर्फ TCS से जुड़े रहे।

चंद्रशेखरन की आय में 15% बढ़ोतरी

साल 2025 में टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को ₹155.61 करोड़ का कुल पैकेज मिला, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15% अधिक है। उन्होंने रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि अब समूह में किसी भी स्तर की लापरवाही या अनियंत्रित खर्च की कोई गुंजाइश नहीं है। उनका कहना है कि गलत निर्णय संगठन को उसकी वास्तविक दिशा से भटका सकते हैं, इसीलिए आर्थिक अनुशासन को प्राथमिकता दी गई है।

बदलाव की दिशा में साहसिक कदम

टाटा ग्रुप ने बीते वर्षों में कई परंपरागत रणनीतियों को पीछे छोड़ते हुए नवीन तकनीक और उभरते क्षेत्रों में कदम बढ़ाया है। यह बदलाव सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कार्यशैली, सोच और नेतृत्व के स्तर पर भी व्यापक बदलाव किया गया।

भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर के लिए आदर्श

टाटा ग्रुप की यह सफलता इस बात का संकेत है कि देश का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित कॉरपोरेट समूह बदलते वक्त के साथ अपने आपको ढालने में पूरी तरह सक्षम है। जब कई कंपनियां आर्थिक अस्थिरता से जूझ रही हैं, टाटा ग्रुप ने खुद को ‘फिट टू परफॉर्म’ साबित कर दिया है, और यही इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।