आगरा के बरौली अहीर गाँव में 67 वर्षीय कुसुमलता ने अपनी विधवा पुत्रवधु की शादी कर समाज के लिए प्रेरक उदाहरण पेश किया। कुसुमलता ने माँ की भूमिका निभाते हुए कन्यादान सहित सभी विवाहिक रस्में स्वयं संपन्न कराईं और विवाह के बाद बहू को उसके नए ससुराल विदा किया।
सदमे भरे वर्षों के बाद किया निर्णय
फिरोजाबाद के बिहारी नगर की निवासी कुसुमलता का बेटा लंबी बीमारी के बाद 4 जनवरी 2023 को निधन हो गया था। बेटे के निधन से वे गहरी शोक में डूब गई थीं, लेकिन उन्होंने अपनी विधवा बहू के दर्द को समझते हुए उसके लिए नया जीवन सुनिश्चित करने का निर्णय लिया। मंगलवार को श्यामो स्थित हनुमान मंदिर में उन्होंने अपनी बहू की शादी विशाल जैन, पुत्र स्व. ललित जैन के साथ सम्पन्न कराई।
माँ बनकर निभाया कर्तव्य और समाज के रुढ़ियों को तोड़ा
कुसुमलता ने कन्यादान करते हुए कहा, "मैं जानती हूँ कि विधवा के लिए जीवन कितना कठिन होता है। अधिकतर वे बीमार रहती हैं और समाज की पुरानी सोच उन्हें कठिनाई में डाल देती है। इसलिए मैंने सुनिश्चित किया कि मेरी बहू को परेशानियाँ न झेलनी पड़ें।"
कुसुमलता ने न केवल शादी की सारी रस्में निभाईं बल्कि नवविवाहित दंपती के लिए गृहस्थी का सारा सामान भी प्रदान किया। इस शादी में समाजसेवी विजय कुमार लोधी, विवेक जैन, उमेश जैन, जीवराम जैन और राकेश जैन समेत कई लोग उपस्थित रहे और नवदंपती को आशीर्वाद दिया। इस पहल के माध्यम से कुसुमलता ने सहानुभूति, साहस और सामाजिक बदलाव का उदाहरण पेश किया।