टॉप-10 में से 6 कंपनियों की वैल्यू घटी, निवेशकों के लिए चिंता की घंटी

पिछले सप्ताह शेयर बाजार में आई गिरावट का असर देश की शीर्ष कंपनियों के बाजार पूंजीकरण पर भी साफ नजर आया। देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 6 के मार्केट कैप में कुल ₹2.22 लाख करोड़ की कमी दर्ज की गई। सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को उठाना पड़ा, जिसका मूल्यांकन ₹1.14 लाख करोड़ घटकर रह गया।

बीएसई सेंसेक्स भी इस दौरान 294.64 अंकों (0.36%) की गिरावट के साथ बंद हुआ। विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों को लेकर अनिश्चितता और कुछ प्रमुख कंपनियों के कमजोर नतीजों की वजह से बाजार पर दबाव रहा। हालांकि, बैंकिंग क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन ने कुछ राहत दी।

रिलायंस को सबसे ज्यादा घाटा

रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण ₹1,14,687.7 करोड़ घटकर ₹18.83 लाख करोड़ रह गया, जो कि सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट रही। इसके अलावा, इंफोसिस का मार्केट कैप ₹29,474.56 करोड़, एलआईसी का ₹23,086.24 करोड़, टीसीएस का ₹20,080.39 करोड़, बजाज फाइनेंस का ₹17,524.3 करोड़ और हिंदुस्तान यूनिलीवर का ₹17,339.98 करोड़ घटा।

बैंकिंग शेयरों में दिखी मजबूती

वहीं, कुछ कंपनियों ने बाजार में बढ़त भी हासिल की। एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप ₹37,161.53 करोड़ बढ़कर ₹15.38 लाख करोड़ पर पहुंच गया। आईसीआईसीआई बैंक को ₹35,814.41 करोड़ का लाभ हुआ और उसका मूल्यांकन ₹10.53 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इसके अलावा, भारती एयरटेल का मार्केट कैप ₹20,841.2 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ₹9,685.34 करोड़ बढ़ा।

देश की शीर्ष 10 कंपनियां

रिलायंस इंडस्ट्रीज अब भी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है। उसके बाद एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एलआईसी क्रमशः सूची में शामिल हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी: आगे भी रह सकती है अस्थिरता

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक विदेशी निवेशकों की दिशा और वैश्विक व्यापारिक समीकरण स्पष्ट नहीं होते, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। ऐसे में निवेशकों को फिलहाल सतर्कता के साथ कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।

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