पुरातन भारतीय ग्रंथों में सूर्य, चंद्र, मंगल आदि ग्रहों का विस्तार से वर्णन है। भारतीय संस्कृति शुद्ध वैज्ञानिक सरोकारों पर आधारित है, न कि सनकों और मिथ्यावाद पर। भारतीय सूर्य, चंद्र, मंगल को पूजते हैं तो उनका वैज्ञानिक आधार है। आधुनिक युग में भारत के वैज्ञानिक इन ग्रहों से वैज्ञानिक सूत्र ढूंढ़ने में लगे हैं। चंद्रयान-3 के चाँद पर सफल अवतरण के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने स्वदेश निर्मित आदित्य एल-1 को 126 दिनों की 15 लाख किलोमीटर लगरजिया बिंदु तक पहुंचाकर 6 जनवरी, 2024 को एक इतिहास रच दिया है। आदित्य एल-1 को बिंदु तक पहुंचने के लिए 37 लाख किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि हमारा आदित्य पूरे विश्व के लिए अहम है इससे नित्य नई वैज्ञानिक जानकारियां प्राप्त होगी।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा देश के अन्य विशिष्टजनों ने इसरो की इस महान सफलता पर हर्ष प्रकट किया है और वैज्ञानिकों को बधाइयाँ दी हैं। "देहात" भी 140 भारतीयों की भावनाओं के साथ अपने वैज्ञानिकों को बधाई देता है।

गोविन्द वर्मा