सिंगर उदित नारायण की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मानवाधिकार आयोग में हुई शिकायत

बॉलीवुड के फेमस सिंगर उदित नारायण के विरुद्ध मानवाधिकार आयोग में दो याचिकाएं दाखिल की गई है. पहले याचिका बिहार मानवाधिकार आयोग में लगाई है. वहीं, दूसरी याचिका राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दाखिल की गई है. उदित ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी कर ली है. पहली पत्नी पति उदित के साथ रहना चाहती है, जिसके लिए वह पिछले कई सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रही है.

बॉलीवुड के प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर उदित नारायण की पहली शादी साल 1984 में बिहार की रंजना से हुई थी. उन दिनों बहुत ज्यादा फेमस नहीं थे. इसी बीच वह बिहार छोड़कर मुंबई चले गए और वहां जाकर उन्हें नेपाल की सिंगर दीपा गहतराज से प्यार हो गया. इसके बाद उन्होंने बिना अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए दीपा से दूसरी शादी कर ली. रंजना का आरोप है कि उदित ने उनके अधिकारों का हनन किया है.

मानवाधिकार अधिवक्ता ने दाखिल की याचिका

रंजना का आरोप है कि उनकी नेपाल की जमीन बेचकर उदित ने 18 लाख रुपये रख लिए हैं. अब वह उन्हें अपनी पत्नी मनाने से इंकार कर रहे हैं. इस संबंध में साल 2022 में रंजना ने मेंटेनेंस और संपत्ति के पैसे की मांग करते हुए कोर्ट में केस दर्ज कराया था. इसी मामले में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने उदित के खिलाफ एनएचआरसी और बीएचआरसी में दो अलग-अलग याचिका दाखिल की हैं.

‘दूसरी शादी गैरकानूनी’

मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुसार पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करना गैरकानूनी है. हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत ऐसी स्थिति दूसरी शादी शून्य हो जाएगी. इस तरह की शादी गैरकानूनी मानी जाती है. कानून सभी पर एक समान तरह लागू होने चाहिए. उदित नारायण जैसे प्रसिद्ध कलाकार के द्वारा इस प्रकार का कदम उठाया जाना महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात है, जो मानवाधिकार का भी उल्लंघन है. इस मामले में उदित की भविष्य में मुश्किलें बढ़ सकती है.

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