ब्रेन ट्यूमर: समय पर लक्षण पहचानें, सतर्कता से बचाएं जान

ब्रेन ट्यूमर उस स्थिति को कहते हैं जब मस्तिष्क की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह वृद्धि कभी धीमी होती है तो कभी तेज़, जिससे दिमाग के अन्य हिस्सों पर असर पड़ सकता है। ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं – बेनाइन (गैर-कैंसरयुक्त) और मेलिग्नेंट (कैंसरयुक्त)। इसकी वजहों में रेडिएशन के संपर्क में आना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, कुछ वायरस या पारिवारिक इतिहास शामिल हो सकते हैं। हालांकि, कई बार कोई स्पष्ट कारण नहीं पाया जाता।

ट्यूमर का आकार जैसे-जैसे बढ़ता है, यह दिमाग की नसों और टिश्यू पर दबाव डालता है, जिससे सिरदर्द, उल्टी, दौरे, दृष्टि कमजोर होना, बोलने में दिक्कत, संतुलन बिगड़ना जैसे लक्षण सामने आते हैं। कुछ मामलों में अंगों में सुन्नपन, शरीर के एक हिस्से में कमजोरी और व्यवहार में बदलाव भी दिख सकता है। यह इस पर निर्भर करता है कि ट्यूमर मस्तिष्क के किस हिस्से में है। यदि समय रहते इलाज न हो, तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

सर्वोदय अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. गंगेश गुंजन के अनुसार, जिन लोगों के परिवार में ब्रेन ट्यूमर या कोई न्यूरोलॉजिकल बीमारी रही है, उनमें इसका जोखिम अधिक होता है। इसके अलावा, कैंसर के इलाज के दौरान रेडिएशन थेरेपी लेने वाले या औद्योगिक क्षेत्रों में विषैले रसायनों के संपर्क में आने वाले लोग भी रिस्क ज़ोन में आते हैं।
कुछ आनुवंशिक स्थितियाँ जैसे Li-Fraumeni syndrome, Neurofibromatosis, और Tuberous sclerosis भी इसका खतरा बढ़ा सकती हैं। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसका खतरा थोड़ा अधिक होता है और उम्र बढ़ने के साथ जोखिम भी बढ़ता है। हालांकि, यह बीमारी बच्चों और युवाओं को भी हो सकती है। मोबाइल और वायरलेस डिवाइस से होने वाले प्रभावों पर शोध जारी है, लेकिन अभी कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं।

बचाव के उपाय

  • मोबाइल और वायरलेस डिवाइस का अत्यधिक उपयोग न करें।
  • संतुलित और एंटीऑक्सीडेंट-युक्त आहार लें।
  • सिरदर्द, चक्कर या दौरे जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • यदि परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर रहा हो, तो नियमित न्यूरोलॉजिकल जांच कराएं।
  • रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें और तनाव को कम करने की कोशिश करें।
  • जहरीले रसायनों या प्रदूषित वातावरण में काम करने पर उचित सुरक्षा उपाय अपनाएं।

निष्कर्ष:
ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसके लक्षणों को समय रहते पहचाना जाए और उचित चिकित्सा ली जाए, तो इससे निपटना संभव है। जागरूकता, नियमित जांच और सतर्कता ही इस बीमारी से सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है।

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