कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू, पहले जत्थे को एलजी ने दिखाई हरी झंडी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करते हुए बुधवार को अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को जम्मू से रवाना किया गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से इस जत्थे को रवाना किया। सुरक्षा को लेकर इस बार करीब 600 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था मानी जा रही है।

श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ के जयकारों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुए। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यह बाबा का बुलावा है और वे निर्भय होकर यात्रा पर निकले हैं। उनका यह भी कहना है कि वे देश में सुख-शांति की कामना करते हैं।

उत्साह से भरे श्रद्धालु, सुरक्षा चाक-चौबंद: उपराज्यपाल

यात्रा की शुरुआत के मौके पर उपराज्यपाल सिन्हा ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से संभाला है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या अच्छी है और सभी आतंकी हमलों की परवाह किए बिना भोलेनाथ के दर्शन के लिए आए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष की यात्रा पूर्व वर्षों से अधिक सफल होगी।

दो मार्गों से यात्रा कल से होगी शुरू

तीर्थयात्रा गुरुवार, 3 जुलाई से आधिकारिक रूप से शुरू होगी और यह 38 दिनों तक चलेगी। अमरनाथ गुफा, जो 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, तक पहुँचने के दो प्रमुख रास्ते हैं: अनंतनाग जिले का पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले का 14 किलोमीटर छोटा लेकिन चुनौतीपूर्ण बालटाल मार्ग। यात्रा का समापन 9 अगस्त को होगा।

तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन 3.31 लाख के पार

अधिकारियों के अनुसार, अब तक 3,31,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। साथ ही मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसके अंतर्गत बीते दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन वितरित किए गए हैं।

यात्रा के दौरान ट्रैफिक पर नियंत्रण और निगरानी बढ़ाई गई

यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य संबंधित मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 2 जुलाई से 9 अगस्त तक अलग-अलग रास्तों पर यातायात प्रतिबंध लागू रहेंगे। यात्रियों को समय-समय पर सुरक्षा और मार्गदर्शन से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जा रही है।

भगवती नगर यात्री निवास को देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए मुख्य बेस कैंप के रूप में तैयार किया गया है। यहीं से श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर के हिमालय क्षेत्र में स्थित अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए रवाना होते हैं। यात्रा शुरू होने से पहले उपराज्यपाल ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की व्यापक समीक्षा भी की। वे स्वयं श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।

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