मणिपुर में 250 करोड़ की ठगी का भंडाफोड़, ईडी ने बिर्ला एम्पोरियम की संपत्तियां जब्त कीं

मणिपुर में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें बिर्ला एम्पोरियम नामक कंपनी और उसके निदेशक युमनाम इराबंता सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसा है। ईडी ने इस कंपनी, इसके प्रमुख और अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज की है।

हजारों निवेशकों से करोड़ों की ठगी
प्रवर्तन निदेशालय की जांच के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में लगभग 5,000 निवेशकों को 250 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया गया। यह धोखाधड़ी वर्ष 2019 से 2021 के बीच की गई, जिसमें निवेश पर ऊंचे रिटर्न का लालच देकर लोगों से धन जुटाया गया।

व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया पैसों का इस्तेमाल
ईडी के अनुसार, बिर्ला एम्पोरियम के निदेशक और उनके सहयोगियों ने निवेशकों से मिले पैसे को किसी व्यापारिक गतिविधि में न लगाकर निजी संपत्तियों और महंगी चीजों की खरीद में खर्च किया। मणिपुर सीआईडी द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

लोन स्कीम की आड़ में संपत्तियों की जब्ती
जांच में यह भी पाया गया कि बिर्ला एम्पोरियम और इरा फाइनेंस नामक संस्थाओं ने ‘लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी’ जैसी स्कीमें चलाई थीं। इन योजनाओं के तहत जब लोग अपनी संपत्ति गिरवी रखकर लोन लेते थे, तो कंपनी बाद में उन्हीं संपत्तियों को अपने निदेशकों या कर्मचारियों के नाम रजिस्ट्री करवा लेती थी। 2020 की शुरुआत तक इन योजनाओं को भी बंद कर दिया गया और निवेशकों को भुगतान देना पूरी तरह रोक दिया गया।

ईडी ने 28 करोड़ की संपत्ति अटैच की
ईडी की जांच में सामने आया कि इस ठगी से प्राप्त राशि से 85 से अधिक संपत्तियाँ खरीदी गई थीं, जिनमें ज़मीन, वाहन, आवास और अन्य कीमती सामान शामिल हैं। अब तक लगभग 28.02 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। 6 जून को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में इन संपत्तियों की जब्ती को लेकर मुकदमा भी दायर किया गया।

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