अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर राजनीति एक बार फिर गरमाई है। कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद की मरम्मत सरकारी फंड से करवाना चाहते थे। उन्होंने यह बयान सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह में दिया था।
राजनाथ सिंह ने कहा, "नेहरू बाबरी मस्जिद को जनता के पैसे से दोबारा बनवाना चाहते थे। अगर कोई इसके खिलाफ था, तो वो सरदार पटेल थे।" उन्होंने सोमनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सरकार से कोई पैसा नहीं लिया गया था और राम मंदिर के निर्माण में भी ऐसा ही किया जा रहा है।
इस बयान के जवाब में कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने रक्षा मंत्री के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है और इसके कोई दस्तावेज या प्रमाण मौजूद नहीं हैं। मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "नेहरू जी धार्मिक कार्यों के लिए सरकारी पैसे के इस्तेमाल के खिलाफ थे। उनका मानना था कि ये काम जनता के सहयोग से होना चाहिए।"
कांग्रेस नेता ने आगे आरोप लगाया कि बीजेपी इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और यह रणनीति हमारे संस्थापकों को नीचा दिखाने की कोशिश है। उन्होंने इसे "मनगढ़ंत कहानी" करार दिया, जो सिर्फ राजनीतिक हित साधने के लिए रची जा रही है।