एयर इंडिया की भुवनेश्वर से दिल्ली जाने वाली उड़ान को रविवार को उड़ान से पहले ही रद्द कर दिया गया। इसके पीछे वजह विमान के केबिन में अत्यधिक तापमान होना बताया गया है। हालांकि, एयरलाइन ने न तो विमान में सवार यात्रियों की संख्या और न ही विमान के मॉडल या निर्धारित उड़ान समय की स्पष्ट जानकारी साझा की।
एक दिन में दूसरी तकनीकी खराबी, डीजीसीए ने जताई चिंता
यह घटना एयर इंडिया के किसी विमान में एक ही दिन में दूसरी तकनीकी गड़बड़ी के रूप में सामने आई है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा एयर इंडिया के परिचालन और सुरक्षा मानकों की जांच के दौरान 100 से अधिक उल्लंघन पाए गए हैं। इनमें से कई को ‘गंभीर सुरक्षा जोखिम’ की श्रेणी में रखा गया है।
एयर इंडिया का बयान: यात्रियों को दी जा रही वैकल्पिक व्यवस्था
एयर इंडिया ने बयान जारी कर बताया कि 3 अगस्त को भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए प्रस्तावित उड़ान संख्या AI500 को तकनीकी समस्या के चलते रद्द किया गया। उड़ान से पहले विमान के केबिन में अत्यधिक गर्मी महसूस की गई, जिससे उड़ान को रद्द करने का निर्णय लिया गया। एयरलाइन ने कहा कि उसकी भुवनेश्वर स्थित टीम यात्रियों को दिल्ली पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने में जुटी है। कंपनी ने असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया।
फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म से मिली जानकारी
flightradar24.com वेबसाइट के अनुसार, यह उड़ान एयरबस A321 विमान से दोपहर 12:35 बजे रवाना होनी थी और दोपहर 2:55 बजे दिल्ली पहुंचने का अनुमान था। इसके पहले, एयर इंडिया की एक और फ्लाइट AI349 को भी सिंगापुर से चेन्नई के लिए उड़ान भरने से पहले रद्द किया गया था। इसका कारण रखरखाव से जुड़ा कार्य बताया गया, जिसे पूरा करने में अधिक समय लग रहा था।
DGCA के ऑडिट में सामने आए कई खामियां
सूत्रों के अनुसार, डीजीसीए ने हाल ही में एयर इंडिया की उड़ानों, पायलट प्रशिक्षण, चालक दल की ड्यूटी अवधि और एयरस्पेस योग्यता जैसे मामलों में गहन ऑडिट किया था। इस दौरान करीब 100 टिप्पणियां व उल्लंघन दर्ज किए गए, जिनमें से सात को ‘लेवल-1’ श्रेणी में रखते हुए तत्काल सुधार की आवश्यकता बताई गई है।
सुरक्षा से ज्यादा प्रचार पर खर्च?
एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि यात्रियों का एक बड़ा वर्ग मानता है कि एयरलाइंस सुरक्षा के मुकाबले प्रचार पर अधिक ध्यान दे रही हैं। लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए इस सर्वे में 76% उत्तरदाताओं ने यह राय व्यक्त की, वहीं 64% यात्रियों ने बीते तीन वर्षों में उड़ानों के दौरान किसी न किसी तकनीकी या परिचालन समस्या का सामना किया है।