सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की एक पुरानी टिप्पणी पर सख्त रुख अपनाते हुए नाराजगी जाहिर की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि राहुल गांधी वास्तव में एक जिम्मेदार भारतीय होते, तो वे ऐसा बयान नहीं देते। कोर्ट ने यह भी सलाह दी कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सेनाओं से जुड़े विषयों पर सोशल मीडिया के बजाय संसद में चर्चा की जानी चाहिए। इस फटकार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला।
रिजिजू बोले- सेना के हौसले को कमजोर करता है ऐसा बयान
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने राहुल गांधी को बेबुनियाद दावे के लिए स्पष्ट रूप से लताड़ा है। उन्होंने कहा, “यह कहना कि चीनी सेना ने हजारों वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और देश की सुरक्षा के लिए नुकसानदेह है। इससे सैनिकों का मनोबल भी प्रभावित होता है।”
‘एक भारतीय के नाते ऐसी बात नहीं होनी चाहिए’
रिजिजू ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार लगातार राहुल गांधी से ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों से बचने की अपील करती रही है, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की है, वह एक प्रकार की सीधी चेतावनी है। कोर्ट ने कहा कि एक भारतीय नागरिक होने के नाते राहुल गांधी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।”
भाजपा प्रवक्ता बोले- राहुल की विश्वसनीयता पर सवाल
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को गंभीर बताते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब हमारी सेना ने वीरता के साथ चीनी सेना को पीछे खदेड़ा, उस समय राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और 20 भारतीय जवान शहीद हुए।”
भाटिया ने कहा कि अदालत की यह टिप्पणी कि ‘अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते’ — यह राहुल गांधी की राजनीतिक परिपक्वता और जिम्मेदारी पर प्रश्नचिह्न लगाता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कोर्ट ने राहुल गांधी से यह भी पूछा कि उन्हें चीनी कब्जे की जानकारी कैसे मिली? क्या वह मौके पर मौजूद थे?
2022 के बयान पर उठा विवाद
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी राहुल गांधी के उस बयान को लेकर आई है जो उन्होंने 9 दिसंबर 2022 को गलवां घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के संदर्भ में दिया था। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी की टिप्पणियां देशहित के विपरीत रही हों।