नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। दौरे के दौरान वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने भारत और रूस के संबंधों को “एक साथ चलो, एक साथ बढ़ो” की सोच का प्रतीक बताया। पुतिन ने इसे केवल नारा नहीं, बल्कि दोनों देशों की गहरी मित्रता और स्थायी साझेदारी का वास्तविक परिचायक बताया।

राष्ट्रपति पुतिन ने भारत की स्थिर विदेश नीति, वैश्विक मुद्दों पर संतुलित रुख और मित्रता निभाने की परंपरा की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और रूस दशकों से एक-दूसरे के भरोसेमंद साझेदार रहे हैं और यह रिश्ता आने वाले वर्षों में और मजबूत होगा। पुतिन ने कहा कि रूस हर क्षेत्र में—रक्षा, ऊर्जा, तकनीक और व्यापार—भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने इस दौरे के दौरान हुए रचनात्मक और फलदायी कार्यों की भी सराहना की और भरोसा जताया कि ये निर्णय दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और जनता के जीवन पर सकारात्मक असर डालेंगे।

राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट किया, “हम सब कुछ करेंगे ताकि भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़े और दोनों देशों के लोगों का भला हो।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने 25वीं वर्षगांठ पर दी शुभकामनाएं

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “आज का दिन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और सामाजिक-आर्थिक प्रगति पर आधारित है। वर्ष 2025 हमारे बहुआयामी संबंधों के लिए बेहद सफल रहा। 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य ने हमारे विशेष संबंधों को व्यक्त किया और द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए रोडमैप प्रदान किया।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों देशों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कड़ियों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि रूस और भारत की दोस्ती सदियों पुरानी है, महात्मा गांधी और लियो टॉल्स्टॉय के पत्राचार से लेकर सांस्कृतिक, साहित्यिक और कलात्मक आदान-प्रदान तक। उन्होंने उम्मीद जताई कि रात्रिभोज के दौरान रूसी अतिथि भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत और व्यंजनों का अनुभव करेंगे।

रात्रिभोज में परोसे गए विशेष व्यंजन

राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस रात्रिभोज में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के खास व्यंजन शामिल थे। राष्ट्रपति पुतिन के लिए परोसे गए मुख्य व्यंजनों में गुच्छी दून चेटिन (कश्मीरी अखरोट की चटनी के साथ भरवां गुच्छी मशरूम), अचारी बैंगन, येलो दाल तड़का, पुलाव और लच्छा परांठा एवं मगज नान शामिल थे। अतिरिक्त व्यंजनों में बंगाली मिठाई गुड़ संदेश, दक्षिण भारतीय नाश्ता मुरुक्कू और गर्माहट देने वाला बादाम हलवा भी शामिल था।

रात्रिभोज के इस आयोजन को दोनों देशों के बीच मित्रता और साझेदारी का प्रतीक बताया गया, जो आने वाले वर्षों में और भी मजबूत होगी।