भारतीय विमानन क्षेत्र इन दिनों अपने सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के परिचालन संकट ने घरेलू हवाई यात्रा को सामान्य यात्री के लिए मुश्किल बना दिया है। तकनीकी समस्याओं और क्रू की कमी के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं, जिससे हवाई किराए में भी जबरदस्त उछाल आया है। अब घरेलू मार्गों के किराए लंदन और पेरिस जैसी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भी अधिक हो गए हैं।

ट्रैवल पोर्टल्स और बुकिंग वेबसाइटों के आंकड़ों के मुताबिक, जिन रूट्स पर इंडिगो का दबदबा है, वहां सबसे ज्यादा परेशानी देखने को मिल रही है। इंडिगो के पास घरेलू बाजार का लगभग 60% हिस्सा होने के कारण इसके ऑपरेशन में दिक्कत आते ही पूरे सिस्टम पर असर पड़ा है। पिछले दो-तीन दिनों में एयरलाइन ने रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद्द की हैं। कोलकाता, मुंबई, उदयपुर, पटना और दिल्ली जैसे रूट्स पर किराए में 800% तक की बढ़ोतरी हुई है। उदाहरण के तौर पर, पटना से दिल्ली का सामान्य किराया 6 से 10 हजार रुपये के बीच था, जो अब 66 हजार रुपये तक पहुंच गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई किराए में वृद्धि केवल उड़ानों के रद्द होने का परिणाम नहीं है। यह 'डायनामिक प्राइसिंग एल्गोरिदम' का भी असर है। जब इंडिगो की सैकड़ों सीटें सिस्टम से गायब हुईं और अन्य एयरलाइंस की सीटें सीमित हैं, तो एल्गोरिदम कीमतों को स्वचालित रूप से अधिकतम स्तर तक बढ़ा देता है। इस बीच देश में शादियों और छुट्टियों का पीक सीजन भी है, जिससे मांग पहले से ही अधिक थी।

इंडिगो ने बताया कि संकट का मुख्य कारण नए एफडीटीएल (Flight Duty Time Limitations) नियमों के लागू होने और पायलटों की रोस्टरिंग में गड़बड़ी है। एयरलाइन ने डीजीसीए को सूचित किया है कि परिचालन सामान्य होने में अभी कुछ समय लगेगा। इस बीच, डीजीसीए ने क्रू के विश्राम से जुड़े नियमों को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, ताकि परिचालन में तेजी लाई जा सके।