देश में पिछले सप्ताह पैदा हुई अभूतपूर्व उड़ान अव्यवस्था के पीछे इंडिगो की आंतरिक कमियों की पुष्टि हो चुकी है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में स्पष्ट कहा कि एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) नियमों का पालन न कर पाने की वजह से इंडिगो की परिचालन प्रणाली लड़खड़ा गई, जिसका खामियाजा यात्रियों और पूरे एविएशन सेक्टर को भुगतना पड़ा।
सरकार को पहले से नहीं दी कोई जानकारी
नायडू ने बताया कि एयरलाइन ने न तो समय रहते अपनी तैयारियों की वास्तविक स्थिति मंत्रालय को बताई, न ही नागरिक उड्डयन नियामक एजेंसी को अलर्ट किया। 1 नवंबर को सभी एयरलाइंस के साथ बैठक में नियमों पर विस्तृत चर्चा हुई थी, लेकिन इंडिगो ने 1 दिसंबर तक किसी भी प्रकार की दिक्कत की जानकारी साझा नहीं की।
मंत्री ने इसे सरकार को दबाव में लाने का प्रयास बताते हुए कहा कि इंडिगो की इस अनदेखी ने हजारों यात्रियों को प्रभावित किया और देश में एक बड़े परिचालन संकट की स्थिति बन गई।
जांच रिपोर्ट आने पर होगी कड़ी कार्रवाई
नायडू ने सदन में कहा कि यह पूरा मामला एयरलाइन की “आंतरिक रोस्टर प्रबंधन और ऑपरेशनल प्लानिंग की विफलता” से जुड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ऐसी सख्त कार्रवाई करेगी, जो अन्य एयरलाइंस के लिए उदाहरण बनेगी।
विपक्ष ने मंत्री के बयान पर असंतोष जताया और सदन से वॉकआउट किया।
डीजीसीए ने दिया कारण बताओ नोटिस
इंडिगो के सीईओ पीटर एलबर्स और सीओओ इसिद्रो पोरक्वायरास को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सोमवार को भी इंडिगो को लगभग 500 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। एयरलाइन 1,802 उड़ानें संचालित कर रही है और दावा कर रही है कि संचालन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।
लाखों यात्री प्रभावित, हजारों बैग लटके
मंत्रालय के अनुसार, 1–5 दिसंबर के बीच 5,86,705 टिकट (PNR) रद्द हुए, जिनमें से लगभग 570 करोड़ रुपये यात्रियों को वापस किए जा चुके हैं।
एयरलाइन के अनुसार 9,000 से अधिक सामान परिचालन अव्यवस्था में फंस गए थे, जिनमें से केवल 4,500 बैग ही यात्रियों तक पहुंच पाए हैं। शेष बैग अगले 36 घंटों में सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार का बड़ा संकेत: एकाधिकार नहीं चलेगा
नायडू ने कहा कि देश में बढ़ती हवाई यात्रा मांग को देखते हुए कम से कम पांच बड़ी एयरलाइंस की जरूरत है, ताकि बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रहे और किसी एक कंपनी का वर्चस्व संकट का कारण न बने। उन्होंने दोहराया कि यात्रियों और एयरलाइन क्रू की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।