देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों और पुलों की डिजाइनिंग और निर्माण में सामने आई तकनीकी खामियों ने गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। एक ओर जहां इन संरचनाओं का उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना है, वहीं गलत इंजीनियरिंग के कारण ये जानलेवा साबित हो रही हैं। हाल के महीनों में भोपाल, नागौर, गुजरात, बाड़मेर, लखनऊ और मुंबई जैसे शहरों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां निर्माण में लापरवाही ने लोगों की जान जोखिम में डाल दी।
भोपाल: 90 डिग्री टर्न वाला ओवरब्रिज बना मजाक का विषय
भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में करीब 18 करोड़ की लागत से बना 648 मीटर लंबा रेल ओवरब्रिज अपने 90 डिग्री मोड़ के कारण विवादों में आ गया। यह पुल रेलवे फाटक पर यातायात जाम से निजात दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन इसकी तीखी मोड़ ने सोशल मीडिया पर खूब आलोचना बटोरी। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि इस तरह के मोड़ पर दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है।
मुख्यमंत्री का एक्शन, इंजीनियरों पर गिरी गाज
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वयं तकनीकी त्रुटियों को स्वीकार किया और आठ इंजीनियरों को बर्खास्त करते हुए निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी खामियों को दुरुस्त करने के बाद ही पुल का लोकार्पण किया जाएगा।
नागौर: जानलेवा मोड़, सुरक्षा उपाय नदारद
राजस्थान के नागौर में बीकानेर रोड ओवरब्रिज पर 70 से 80 डिग्री के दो खतरनाक मोड़ बने हुए हैं। पूर्व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर बी.एल. भाटी के अनुसार, इन मोड़ों पर ‘सुपर एलिवेशन’ यानी वाहनों को संतुलन देने वाली ढलान नहीं दी गई। बीते वर्ष एक एसिड टैंकर पलटने से पांच बाइक सवारों की मौत हो चुकी है।
गुजरात: एक पुल पर तीन ब्लाइंड स्पॉट
सुरेंद्रनगर में बने एक ब्रिज पर इतने तीखे मोड़ हैं कि वहां तीन अलग-अलग ब्लाइंड स्पॉट बन गए हैं। इंजीनियरों के अनुसार, इन मोड़ों पर सामने से आते वाहन को देख पाना मुश्किल होता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसी वजह से एक छात्रा की जान भी जा चुकी है।
बाड़मेर: कम चौड़ाई और तीखे मोड़ बना हादसों का खतरा
बाड़मेर के चौहटन रोड पर बना ओवरब्रिज मात्र 7.4 मीटर चौड़ा है, जबकि आवश्यकता 10 मीटर की थी। साथ ही, चढ़ाई-उतराई के स्थान पर सीधा 90 डिग्री मोड़ दे दिया गया, जिससे भारी वाहनों के लिए यह पुल बेहद असुरक्षित हो गया है। फिलहाल, यहां कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है, लेकिन यह स्थान अब हादसों के लिए संवेदनशील माना जा रहा है।
लखनऊ: पुल के बीच बना मकान, निर्माण अधर में
राजधानी लखनऊ में केसरीखेड़ा से कृष्णानगर को जोड़ने वाला ओवरब्रिज पिछले आठ महीनों से अधूरा पड़ा है, क्योंकि पुल के मार्ग में एक मकान आ गया है। 74 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट अब 84 करोड़ तक पहुंच चुका है। स्थानीय लोग लगातार ट्रैफिक जाम से परेशान हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर प्रारंभिक डिजाइनिंग में सही योजना बनाई गई होती, तो इस स्थिति से बचा जा सकता था।