नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी रुकावटों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने कहा कि सांसदों को जनता ने प्रतिनिधित्व के लिए चुना है, न कि हंगामा करने या चिल्लाने के लिए। उनके इस बयान से कांग्रेस और थरूर के बीच जारी मतभेद एक बार फिर स्पष्ट हुए हैं।

थरूर ने कहा, “मैं यहां अपनी समझ और विवेक के साथ देश और लोगों के लिए बोलने आया हूं। मुझे चिल्लाने के लिए नहीं भेजा गया है। मेरी पार्टी के वरिष्ठ नेता, जैसे सोनिया गांधी, इसे अच्छी तरह जानते हैं। हो सकता है कि मैं इस मामले में अकेला आवाज हूं।”

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष वोटर लिस्ट के एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहा है, जिससे सदन सुचारु रूप से नहीं चल पा रहा। इस दौरान बीजेपी ने संसद में रुकावटों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।

शशि थरूर अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर ऑपरेशन सिंदूर, भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। यही कारण है कि उनके बयानों के चलते पार्टी बैठकों में सीनियर नेताओं के बीच दूरी बनी रहती है।

केरल के तिरुवनंतपुरम से चार बार सांसद रह चुके थरूर अपनी अंग्रेजी वाकपटुता और बेबाक बयानों के लिए देशभर में चर्चित हैं। नई पीढ़ी अक्सर उनके इंग्लिश वोकैबुलरी और शैली की तारीफ करती है।