टेलीकॉम रेगुलेटर ऑफ इंडिया (TRAI) ने वित्तीय धोखाधड़ी और फर्जी कॉल्स को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर को 1600 सीरीज अपनाना अनिवार्य होगा, जिससे ग्राहकों को असली और नकली कॉल में आसानी से फर्क करने में मदद मिलेगी।

TRAI का मानना है कि इस कदम से फ्रॉड कॉल्स में भारी कमी आएगी और लोगों की वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी। रेगुलेटर ने स्पष्ट किया कि आरबीआई, सेबी और पीएफआरडीए के अधीन आने वाले सभी वित्तीय संस्थानों को तय समय सीमा में इस नई संख्या सीरीज को अपनाना होगा। 1600 सीरीज दूरसंचार विभाग द्वारा BFSI सेक्टर के लिए विशेष रूप से आवंटित की गई है, ताकि ग्राहकों तक विश्वसनीय कॉल्स पहुँच सकें और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आए।

1600 सीरीज लागू करने की समय सीमा

  • म्यूचुअल फंड और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां: 15 फरवरी, 2026 तक

  • क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स: 15 मार्च, 2026 तक

  • सभी वाणिज्यिक बैंक (सार्वजनिक, निजी, विदेशी): 1 जनवरी, 2026 तक

  • बड़ी एनबीएफसी, पेमेंट्स बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक (5,000 करोड़ रुपए से अधिक एसेट वैल्यू): 1 फरवरी, 2026 तक

  • अन्य एनबीएफसी, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और छोटी वित्तीय संस्थाएं: 1 मार्च, 2026 तक

  • केंद्रीय रिकॉर्ड एजेंसियां और पेंशन फंड मैनेजर: 15 फरवरी, 2026 तक

  • इंश्योरेंस सेक्टर: तारीख जल्द आईआरडीएआई के साथ समन्वय के बाद अधिसूचित होगी

1600 सीरीज का वर्तमान परिदृश्य

अब तक 485 से अधिक BFSI संस्थानों ने 1600 सीरीज अपनाई है और कुल 2,800 से अधिक नंबर जारी किए जा चुके हैं। TRAI ने कहा कि अब संक्रमण को अनिवार्य करना जरूरी है ताकि कोई भी बड़ी संस्था सामान्य 10-अंकों वाले मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके कॉल न कर सके।

इस कदम के जरिए वित्तीय संस्थानों से जुड़ी कॉलिंग प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी।