डायबिटीज आज के समय में एक ऐसी गंभीर समस्या बन गई है जिसका इलाज संभव नहीं है. यह बीमारी होने पर व्यक्ति को जिंदगी भर इससे लड़ना पड़ता है. ऐसे में दवाइयों और खान-पान में परहेज के जरिए इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है.

Diabetes: बिना दवाइयों के कंट्रोल हो जाएगा ब्लड शुगर लेवल, बस रोजाना खाएं ये एक चीज (Photo Credit: Pixabay)

खानपान में गड़बड़ी के कारण आजकल लोग तेजी से डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या फिर जो इंसुलिन बनाता है, उसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है. इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है. डायबिटीज 2 तरह का का होता है- टाइप 1 और टाइप 2. इसके अलावा कुछ महिलाओं को भी गर्भावस्था के समय डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं टाइप 1और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में

टाइप 1 डायबिटीज- टाइप 1 डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकता है .यह बच्चों या युवाओं में पाया जाता है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी होती है. इसमें शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है. यानी शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती है. टाइप 1 डायबिटीज कम उम्र में या जन्म से भी हो सकता है. 

टाइप 2 डायबिटीज- टाइप 2 डायबिटीज के कई कारण हो सकते हैं. इसका मुख्य  कारण मोटापा, हाइपरटेंशन और खराब लाइफस्टाइल है.इसमें शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है. इसमें शरीर में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होतीं. टाइप 2 डायबिटीज अधिकतर वयस्क लोगों में पाया जाता है