शाहजहांपुर जिले के तिलहर में 37 वर्ष से फरार चल रहे तेजाब हमला केस के अपराधी राजेश उर्फ राजू को पुलिस ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से गिरफ्तार कर लिया है। राजेश गायत्री शक्ति पीठ में बाबा के वेश में रहकर पहचान छुपा रहा था। 1988 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

1986 का तेजाब हमला: प्रॉपर्टी विवाद बना कारण

इस मामले की शुरुआत 23 अगस्त 1986 को हुई थी, जब तिलहर के पक्का कटरा निवासी सर्राफा व्यवसायी ओमप्रकाश रस्तोगी अपने मुनीम गंगादीन के साथ दुकान जा रहे थे। उनके पास सुनारी कार्य में इस्तेमाल होने वाला तेजाब भी था। रास्ते में राजेश से उनकी मुलाकात हुई और दोनों के बीच पुराने संपत्ति विवाद को लेकर कहासुनी बढ़ते-बढ़ते झगड़े में बदल गई। विवाद के दौरान राजेश ने तेजाब छीनकर ओमप्रकाश और गंगादीन पर फेंक दिया, जिसमें दोनों गंभीर रूप से झुलस गए थे।

सजा के बाद फरार, बार-बार बदलता रहा ठिकाना

घटना के पांच दिन बाद, 28 अगस्त 1986 को ओमप्रकाश के बेटे संजय कुमार ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। लंबी सुनवाई के बाद 30 मई 1988 को अदालत ने राजेश को उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया और लगातार ठिकाना बदलते हुए पुलिस की पकड़ से बचता रहा।

सूत्रों के अनुसार, वह पहले लखीमपुर खीरी के गोला में किराए पर रहा और बाद में कपूरथला मोहल्ले में घर बनाकर रहने लगा। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अलग-अलग राज्यों के धार्मिक स्थलों पर दो-दो महीने रुककर अपनी लोकेशन बदलता रहा।

आधार कार्ड से मिला सुराग, शिवपुरी से दबोचा गया

आधार पहचान के इस्तेमाल से पुलिस को उसके बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले। इसके बाद एसओजी और सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के ककरौआ स्थित गायत्री शक्ति पीठ से उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय उसकी उम्र 58 वर्ष बताई गई, जबकि फरार होते समय वह लगभग 21 साल का था।