छत्‍तीसगढ़ में कामधेनु विश्वविद्यालय का पुस्तकालय छात्रों के लिए बना आधुनिक

 छत्‍तीसगढ़ में स्थित दाउ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग का पुस्तकालय आधुनिक हो गया है, क्योंकि अब छात्रों को बगैर किसी परेशानी के विषय संबंधित किताबें आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। ठीक इसी तरह से छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के अनुसार लाइव स्टाक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए और इसके साथ ही कृषकों व पशुपालकों के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने चार पालिटेक्निक कालेज शुरू किए हैं। जो कि चार पालिटेक्निक कालेज जगदलपुर, सूरजपुर, महासमुंद और राजनांदगांव में संचालित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय में शिक्षा और अनुसंधान का स्तर पहले से और अच्छा करने के लिए विश्वविद्यालय पुस्तकालय की स्थापना की गई है।

कुलपति डा. एन.पी. दक्षिणकर की माने तो किसी भी शिक्षण संस्थान का हृदय स्थल होता है विश्वविद्यालय। पुस्तकालय में छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। पुस्तकालय पूर्णतः स्वचालित वा कंप्यूटरीकृत आधुनिक ई-संसाधनों से परिपूर्ण हैं, जिसकी सराहना विषय विशेषज्ञों के साथ ही अति विशिष्ट व्यक्तियों ने की है।

नवीनतम पुस्तकों की शृंखलाइस पुस्तकालय में करीब 20 हजार से अधिक पाठ्य संदर्भ पुस्तकों के नवीनतम संस्करण उपलब्ध हैं। साथ ही 13000 ई-बुक्स, शोध पत्रिकाएं, सीडी रोम डेटाबेस, शोध पत्रिकाओं के पुराने खंड (सन 1965 से अब तक) उपलब्ध है। यह भारतीय अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा सेरा ( कंसोर्सियम आफ ई – रिसोर्सेज इन एग्रीकल्चर ) के माध्यम से छात्रों को कृषिकोष, ई – लर्निंग पोर्टल, ओपेक ई – शोध पत्रिकाएं, ई-बुक्स, आनलाइन थीसिस यूनियन कैटलाग आदि की सुविधा प्रदान की जा रही हैं ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here