दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और साफ हवा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को कई अहम कदम उठाए। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी।

बैठक में यह तय किया गया कि बिना वैध PUC प्रमाणपत्र वाले वाहनों के चालान किसी भी हालत में माफ नहीं किए जाएंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाए, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। सीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य राजस्व वसूली नहीं बल्कि नागरिकों को शुद्ध हवा देना है।

प्रदूषण घटाने के लिए दिल्ली सरकार ओला-ऊबर जैसी कंपनियों के साथ ई-बस सेवाओं की संभावना पर भी विचार कर रही है। इन बसों से निजी वाहनों का दबाव कम होगा और राजधानी में सार्वजनिक परिवहन अधिक पर्यावरण अनुकूल बनेगा।

सड़कों पर अनियंत्रित ई-रिक्शा यातायात और जाम को देखते हुए सरकार जल्द ही नई ई-रिक्शा गाइडलाइन जारी करेगी। इसके जरिए ई-रिक्शा के संचालन क्षेत्र और रूट व्यवस्थित होंगे, ताकि यातायात सुचारू रहे।

सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाने के लिए DTC की बसों के रूटों में सुधार किया जाएगा। सीएम ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ तत्काल प्रभाव से निर्णय लागू करने का आदेश दिया।

सूत्रों के अनुसार, जनवरी के पहले सप्ताह तक नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पॉलिसी का ड्राफ्ट आने की संभावना है। इस पॉलिसी के तहत मिडिल क्लास और दो-पहिया वाहन मालिकों को सब्सिडी मिलेगी। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन EV में बदलने पर 35-40 हजार रुपये की सहायता मिल सकती है। वहीं, 20 लाख तक के वाहन मालिकों को भी सब्सिडी का लाभ मिलेगा।

राजधानी में स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदूषण रोकने के लिए किसी भी कड़े कदम से पीछे नहीं हटेगी।