राजधानी में आयकर विभाग की दो दिनों से स्टील व सरिया कारोबारी और उनके फंड मैनेजरों के ठिकानों पर चल रही जांच मंगलवार देर शाम समेट ली गई। जांच टीमों को बड़ी सफलता मिलने का दावा किया गया है। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने कारोबारी के अलग-अलग ठिकानों से कुल 6 करोड़ रुपए नगद जब्त किए हैं। इनमें से 5 करोड़ रुपए बिस्तर के नीचे 50-50 लाख के बंडल बनाकर छिपाए गए थे। यही नहीं, आयकर टीम को बोगस कंपनियों के दस्तावेजों के साथ मनीलांड्रिंग से जुड़े कागजात भी मिले हैं।
आयकर विभाग ने कुछ दिन पहले बंगाल में कोलकाता समेत कुछ जगह स्टील और संगमरमर कारोबारियों के यहां छापे मारे थी। वहां ओड़िशा का कनेक्शन निकला था। ओड़िशा में छापेमारी के दौरान रायपुर और रायगढ़ का कनेक्शन निकल आया। आयकर विभाग की टीम तीन दिन पहले ही रायपुर पहुंच गई थी और रैकी में लगी थी।
सोमवार की शाम आयकर टीमों ने पुलिस के चार दर्जन सशस्त्र जवानों के साथ देवेंद्र नगर, गायत्री नगर, वीआईपी स्टेट, अवंति विहार आदि में स्टील कारोबारी से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे। कल से शुरू हुई जांच मंगलवार की रात देवेंद्र नगर के कर्सन टावर स्थित एक कंपनी के दफ्तर में समाप्त हुई। यहां रायगढ़ के सृष्टि स्टील्स के लिए फंड मैनेजर की तरह काम करने वाला बिहार का विकास कुमार झा मिला।
विभाग को पूछताछ में पता चला कि उसकी पत्नी नेहा गायत्री नगर में रहती है और वह भी इस मामले से जुड़ी पाई गई। दोनों किस कंपनी के लिए कम कर रहे थे, अभी विकास से वह जानकारी आयकर विभाग को नहीं मिली है।
48 करोड़ कैश होने की थी सूचना हवाला के एंगल से भी जांच
आयकर टीम को खबर मिली थी कि विकास के ठिकानों में 45-48 करोड़ रुपए मनी लांड्रिंग के लिए रखे गए हैं। इसके बाद घेरेबंदी की गई, लेकिन आयकर अमले के हाथ 6 करोड़ रुपए ही लगे। विकास के आफिस से 1 करोड़ और नेहा के घर से 5 करोड़ रुपए मिले हैं। नेहा ने यह रकम बिस्तर के नीचे 50-50 लाख के बंडल बनाकर रखी थी। उसने यह नहीं बताया कि पैसे किसके हैं, केवल यह कहा कि वह पति के कहने पर पेमेंट करती थी।
इस कैश के अलावा विभाग ने मनीलांड्रिंग और बोगस कंपनियों के दस्तावेज, फर्जी बिल, लैपटाप, कंप्यूटर, मोबाइल आदि जब्त किए हैं। इस मामले की हवाला कारोबार के नजरिए से भी आयकर विभाग जांच कर रहा है।
कोलकाता, ओड़िशा में मिल चुके 270 करोड़ रुपए नगद
आयकर सूत्रों के अनुसार रायपुर में जब्त करोड़ों रुपयों का कोई हिसाब-किताब नहीं है। फर्मों के संचालकों के मोबाइल भी जब्त किए गए। दो दिनों तक न उन्हें आउट-गोइंग न इनकमिंग काल अटेंड नहीं करने दिए। संचालकों से पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आने का दावा किया गया है। आयकर अफसरों के मुताबिक इससे जुड़े कोलकाता के छापों में पहले ही 170 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी पकड़ी जा चुकी है।
वहीं हुई जांच में अफसरों को इन कंपनियों के तार ओडिशा से छत्तीसगढ़ तक जुड़े होने की जानकारी मिली थी। सबसे पहले ओडिशा के राजगांगपुर में छापे पड़े थे, जहां लगभग 100 करोड़ रुपए कैश मिलने की सूचना है। वहीं से रायपुर में काफी कैश का इनपुट भी मिला था। प्रारंभिक जांच में प्रमाणों की पुष्टि होने के बाद कल सरिए के नामी कारोबारी के पांच ठिकानों को घेरा गया।