मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं की जिलेवार निगरानी सचिव स्तर से नियमित रूप से की जाए और आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इनकी विस्तार से समीक्षा होगी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग की संरचना, बजट और संचालित कार्यक्रमों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह विभाग बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बाल्यावस्था में जितनी बेहतर देखभाल और पोषण मिलेगा, बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास उतना ही मज़बूत होगा।
“बच्चे हैं राष्ट्र की नींव” – सीएम साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बच्चे देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मज़बूत बनाने में सभी की सहभागिता ज़रूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुंचे और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता सक्रियता और संकल्प के साथ काम करें।
उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता, मात्रा, पोषण मानक और वितरण प्रक्रिया की लगातार निगरानी की जरूरत बताई। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की जानकारी लेते हुए उन्होंने PVTG समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संवेदनशील और प्रतिबद्ध रवैया अपनाने की बात कही।
पोषण सूचकांकों पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने बच्चों के पोषण से जुड़े प्रमुख सूचकांकों की समीक्षा करते हुए उनमें सुधार की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के ज़रिए वास्तविक स्थिति का आकलन संभव होता है, और जहां कमी हो वहां त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन को सराहते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रगति को सतत बनाए रखने की आवश्यकता है।
सीएम साय ने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर छोटी-छोटी बातों का गहरा असर पड़ता है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों से संवेदनशीलता और अपनापन के साथ जुड़ें।
बाल विवाह मुक्ति और अन्य योजनाओं की समीक्षा
बैठक में मुख्यमंत्री ने विभागीय कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण पर भी ज़ोर दिया ताकि वे तकनीकी रूप से सक्षम बन सकें और अनुसंधान आधारित, परिणाममुखी कार्यप्रणाली अपना सकें। इस दौरान ‘बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़’ अभियान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, मिशन वात्सल्य सहित कई योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास सचिव शम्मी आबिदी, संचालक पी.एस. एल्मा समेत विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।