‘वैचारिक हार के बाद राहुल को चुप कराने की कोशिश’, कांग्रेस का भाजपा-आरएसएस पर हमला

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक पूर्व नेता द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी के बाद विपक्षी पार्टी ने सोमवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमले तेज कर दिए। कांग्रेस ने इसे विपक्ष की आवाज को दबाने की साजिश करार दिया।

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि एबीवीपी के पूर्व राज्य अध्यक्ष प्रिंटू महादेव द्वारा राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी एक खौफनाक और गंभीर साजिश है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पहले सुरक्षा खतरे के चलते सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए पत्र लिखा था, तो अब इस मामले को राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि यह वही लोग हैं, जो वैचारिक लड़ाई हार चुके हैं और जिनके पास जवाब देने के लिए कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले राहुल गांधी को गोलियों से चुप कराने की कोशिश की गई और अब उन्हें डराने की धमकी दी जा रही है। उनका कहना था कि भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही कि राहुल गांधी के मुद्दों की तरफ देश भर में लोग ध्यान दे रहे हैं।

कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। वेणुगोपाल ने कहा कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो इसे सरकार की सहमति माना जाएगा और हिंसा को सामान्य बनाने जैसा संदेश जाएगा।

उन्होंने बताया कि महादेव ने यह बयान एक मलयालम टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान दिया। वेणुगोपाल ने इसे न तो गलती से कहा गया बयान और न ही भावनात्मक अभिव्यक्ति बताया, बल्कि इसे सोच-समझकर दी गई जानलेवा धमकी करार दिया।

खेड़ा ने कहा कि यह साजिश गरीबों, वंचितों और कमजोर तबकों की आवाज को दबाने के लिए की जा रही है और राहुल गांधी की आवाज को चुप कराने की कोशिश का हिस्सा है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों को हिंसा का सहारा लेने नहीं दिया जाएगा।

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