दक्षिण-पश्चिम दिल्ली साइबर थाना पुलिस ने कंबोडिया से संचालित हो रहे एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी ट्रेडिंग एप के जरिए महज तीन दिनों में तीन करोड़ रुपये की ठगी की।
गिरफ्तार आरोपियों में माणिक अग्रवाल, शनमिया खान, मोहम्मद आमिर उर्फ रॉकी और अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें आपत्तिजनक चैट और लेन-देन का रिकॉर्ड मिला है। जांच में पता चला कि ठगी की रकम एक ही बैंक खाते के जरिए इकट्ठी की गई थी।
पीड़ित को धमकाकर ठगे लाखों रुपये
डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक, एक पीड़ित टी. सिंह ने शिकायत दी थी कि उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए निवेश का झांसा दिया गया। शुरुआत में विश्वास जीतने के लिए आरोपी ने उनके खाते में थोड़ी रकम जमा कराई, लेकिन बाद में फर्जी लोन एंट्री दिखाकर दबाव बनाया। डर के कारण पीड़ित ने लाखों रुपये उनके बताए खातों में जमा कर दिए। रकम पहुंचते ही आरोपी मोबाइल नंबर बंद कर फरार हो गए।
कैसे पकड़े गए आरोपी
पुलिस टीम ने डिजिटल फुटप्रिंट और मनी ट्रेल खंगालते हुए सबसे पहले बुलंदशहर से निजी कंपनी में अकाउंटेंट माणिक अग्रवाल को पकड़ा। पूछताछ में अन्य आरोपियों के नाम सामने आए। इसके बाद अलीगढ़ से आमिर, खुर्जा से अब्दुल्ला और इंदौर से मुख्य आरोपी शनमिया खान को गिरफ्तार किया गया। शनमिया सीधे कंबोडिया स्थित मास्टरमाइंड जैक से संपर्क में था।
होटल में बैठकर चलाते थे ठगी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह दिल्ली आकर पांच सितारा होटल में ठहरता था और वहीं से ठगी को अंजाम देता था। सीसीटीवी फुटेज में इसकी पुष्टि हुई।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
तकनीकी जांच में सामने आया है कि जिन व्हाट्सएप नंबरों से पीड़ितों को जोड़ा गया था, वे कंबोडिया में सक्रिय थे। इससे इस नेटवर्क के वैश्विक तार भी उजागर हुए हैं।
फिलहाल सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की जांच जारी है।