दिल्ली सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए एक नई वित्तीय सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उच्च सहयोग श्रेणी में आने वाले पात्र दिव्यांगों के परिजनों या देखभाल करने वालों को हर महीने 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। सरकार का कहना है कि यह कदम दिव्यांगजनों और उनके परिवारों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस योजना का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। हाल ही में हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है।
योजना का लाभ वही दिव्यांगजन उठा सकेंगे, जिनके पास 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता का प्रमाणपत्र हो और जिला स्तरीय आकलन बोर्ड द्वारा 60 से 100 अंकों के बीच उच्च सहयोग श्रेणी में प्रमाणित किया गया हो। पात्र लाभार्थियों को यह राशि सीधे आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जाएगी। यह धनराशि केयरटेकर के खर्च, फिजियोथेरेपी, स्पीच और ऑक्युपेशनल थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, सहायक उपकरण और अन्य जरूरी सेवाओं पर इस्तेमाल की जा सकेगी।
पात्रता शर्तों के अनुसार, लाभार्थी कम से कम पांच साल से दिल्ली में रह रहा हो और परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक न हो। आधार आधारित सत्यापन अनिवार्य होगा और आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। नागरिक ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं, जिसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी और आकलन बोर्ड इसकी जांच करेंगे।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि यह योजना सिर्फ आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों की सामाजिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना भी है। इससे परिवारों पर देखभाल और चिकित्सा खर्च का बोझ कम होगा और दिव्यांगजनों को मानसिक व भावनात्मक सहारा मिलेगा।