दिल्ली पुलिस ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं के उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। आरोपी श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान में संचालक और प्रबंधन समिति का सदस्य था। जांच के दौरान पुलिस को उसके कब्जे से एक वोल्वो कार मिली, जिस पर नकली यूएन नंबर प्लेट लगी थी, जिसे कथित तौर पर वह इस्तेमाल करता था।
यह पहला मौका नहीं है जब सरस्वती पर आरोप लगे हों। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसके खिलाफ 2009 में डिफेंस कॉलोनी थाने में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था, जबकि 2016 में वसंत कुंज थाने में छेड़छाड़ की शिकायत हुई थी।
ताजा मामले में शिकायत 4 अगस्त को वसंत कुंज उत्तर थाना में दर्ज की गई थी। इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम (प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) की 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 छात्राओं ने आरोप लगाया कि सरस्वती ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, अश्लील संदेश भेजे और उन्हें अनुचित तरीके से छुआ।
पुलिस ने बताया कि संस्थान में कार्यरत तीन महिला संकाय सदस्य और प्रशासक कथित तौर पर छात्रों पर दबाव डालकर सरस्वती को उसकी मांगें पूरी कराने में मदद करती थीं। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है और यह स्पष्ट तब होगी जब सरस्वती को गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस ने नकली नंबर प्लेट वाली वोल्वो कार जब्त कर ली है। इस बीच, श्री शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी ने सार्वजनिक बयान जारी कर खुद को सरस्वती से अलग कर लिया है। पहले वह इसी पीठ से जुड़ा था।