नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की नेता सुनीता केजरीवाल के उस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना पर सवाल उठाए थे। भाजपा की प्रवक्ता और विधायक शिखा रॉय ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए स्पष्ट किया कि दिल्ली में महिला यात्रियों को फ्री बस सेवा मिलती रही है और आगे भी जारी रहेगी।

शिखा रॉय ने कहा कि दिल्ली सरकार की मुफ्त बस सेवा योजना में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुनीता केजरीवाल ने जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। शिखा ने कहा, “हर राज्य अपने नागरिकों को कुछ न कुछ सुविधाएं देता है और दिल्ली में भी महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला।”

पंजाब की योजनाओं पर उठाए सवाल

भाजपा नेता ने सुनीता केजरीवाल पर पलटवार करते हुए पंजाब की ‘महिला सम्मान राशि’ योजना को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बेहतर होता अगर सुनीता पहले यह बतातीं कि उनकी पार्टी पंजाब में महिलाओं को प्रति माह ₹1000 की सम्मान राशि कब से देगी। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल बाद भी इस योजना का लागू न होना आम आदमी पार्टी की नीयत पर सवाल खड़े करता है।

भाजपा ने परिवारवाद का आरोप दोहराया

शिखा रॉय ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह परिवारवादी दल बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीज समारोह में सुनीता केजरीवाल को मुख्य अतिथि बनाकर अरविंद केजरीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी पत्नी को राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि पार्टी में कई वरिष्ठ महिला नेता होते हुए भी सुनीता को मंच क्यों दिया गया।

फ्री बस सेवा में बदलेगी प्रक्रिया, नहीं रुकेगी सुविधा

इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि डीटीसी की मुफ्त बस सेवा योजना में केवल तकनीकी बदलाव किए जा रहे हैं। वर्तमान में जारी गुलाबी टिकट की जगह अब गुलाबी पास जारी किए जाएंगे, जिनका लाभ केवल दिल्ली की महिला निवासियों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल व्यवस्था को पारदर्शी और लक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।

नई प्रणाली के तहत दिल्ली की निवासी महिलाओं को आधार कार्ड के ज़रिए पहचान देनी होगी, ताकि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं तक सीमित रहे। रेखा गुप्ता ने साफ किया कि मुफ्त यात्रा योजना पूरी तरह जारी रहेगी, केवल पात्रता की शर्तों को थोड़ा सख्त किया गया है।