ग्रेटर नोएडा। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 454 तक पहुंच गया। इससे शहर डार्क रेड जोन में दर्ज किया गया और यह इस मौसम का अब तक का सबसे प्रदूषित दिन साबित हुआ। AQI के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा देश में सबसे प्रदूषित शहर बना, जबकि नोएडा 390 के AQI के साथ देश का पांचवां और एनसीआर का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की अनदेखी के कारण वायु प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। अक्टूबर से 7 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहा था, लेकिन पिछले 11 दिनों से ग्रेटर नोएडा में हवा खतरनाक स्तर पर है। इस महीने अब तक चौथी बार AQI 400 के पार गया है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट सबसे प्रदूषित क्षेत्र
विशेष रूप से ग्रेटर नोएडा वेस्ट का क्षेत्र अधिक प्रदूषित रहा। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा का औसत AQI 430 था, जबकि ग्रेनो वेस्ट में यह 478 तक पहुंच गया। अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग निर्माण, धूल भरी सड़कें और हरियाली की कमी इसके मुख्य कारण हैं।

पिछले कुछ दिनों के AQI आंकड़े:

  • 14 नवंबर: 377

  • 15 नवंबर: 368

  • 16 नवंबर: 419

  • 17 नवंबर: 390

  • 18 नवंबर: 454

देश के शीर्ष प्रदूषित शहर (18 नवंबर)

  1. ग्रेटर नोएडा – 454

  2. गाजियाबाद – 434

  3. हापुड़ – 398

  4. बागपत – 397

  5. नोएडा – 390

UPPCB ने प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए टीमों को क्षेत्र में भेजा है। नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों की जानकारी इकट्ठा कर प्राधिकरण को भेजी जाएगी, ताकि उन पर जुर्माना लगाया जा सके। क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि फिलहाल नियमों की अनदेखी होने के कारण प्रदूषण स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है।