दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने लद्दाख के पर्यावरणविद और नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। आप के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किसी भी सीमा तक जा रही है। उन्होंने वांगचुक की तुरंत रिहाई और उनके ऊपर लगे एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) को हटाने की मांग की है।
पाठक ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देशभर में हुए घटनाक्रम चिंताजनक हैं और ये घटनाएं हमारे लोकतंत्र को कमजोर करने वाली हैं। उन्होंने बताया कि लद्दाख में वर्षों से केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठ रही थी, और इस आंदोलन का नेतृत्व सोनम वांगचुक कर रहे थे।
आप नेता ने वांगचुक की उपलब्धियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि वांगचुक को रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और आठ से अधिक विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की है। इसके अलावा मोदी सरकार ने उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार भी दिए हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ एनएसए लागू कर गिरफ्तारी की गई, जबकि सरकार ने उन पर देशद्रोही होने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।
पाठक ने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा है कि भाजपा या मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्यक्तियों को विभिन्न कानूनों में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है। उनका कहना था कि ऐसा करके भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि कोई भी व्यक्ति सरकार की आलोचना नहीं कर सकता।
उन्होंने मोदी सरकार से अपील की कि लद्दाख के लोगों की मांगों को गंभीरता से सुना जाए और उन्हें पूरा किया जाए। दुर्गेश पाठक ने कहा, “आम आदमी पार्टी सभी भारतीयों से आग्रह करती है कि वे सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का विरोध करें, क्योंकि यह कदम हमारे लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। अगर हमारे संविधान निर्माता आज जीवित होते, तो वे निश्चित रूप से इस कार्रवाई से निराश होते।”
पाठक ने दोहराया कि केंद्र की सत्ता में बैठी मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा रही है और आम आदमी पार्टी वांगचुक की रिहाई और एनएसए हटाने की मांग करती है।