सुप्रीम कोर्ट ने छोटा राजन की जमानत रद्द की, कहा- 27 साल फरार आरोपी को राहत क्यों

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में मुंबई के होटल व्यवसायी जया शेट्टी हत्याकांड में गैंगस्टर छोटा राजन को मिली जमानत रद्द कर दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने बुधवार को सीबीआई की अपील स्वीकार करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का पिछला आदेश पलट दिया। हाईकोर्ट ने पिछले साल 23 अक्टूबर को राजन की आजीवन कारावास की सजा पर रोक लगाकर उसे जमानत दी थी।

पीठ ने सवाल उठाया कि जो व्यक्ति 27 साल तक फरार रहा और चार मामलों में दोषी ठहराया गया, उसकी सजा निलंबित क्यों की जाए।

रंजन के वकील और कोर्ट की प्रतिक्रिया
छोटा राजन के वकील ने तर्क दिया कि यह मामला ठोस सबूतों पर आधारित नहीं है। उनका कहना था कि सीबीआई ने 71 में से 47 मामलों में सबूत न मिलने के कारण जांच बंद कर दी। हालांकि, अदालत ने कहा कि राजन को कई मामलों में इसलिए बरी किया गया क्योंकि गवाह सामने नहीं आए। जजों ने टिप्पणी की, “आपका नाम ही काफी बड़ा है।”

सीबीआई की दलील और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने बताया कि हाईकोर्ट ने राजन को मिली उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि उसकी जमानत रद्द की जाएगी। अदालत ने साफ किया कि राजन पहले से ही न्यायिक हिरासत में है और एक अन्य मामले में सजा काट रहा है।

2001 का हत्याकांड और राजन की सजा
मध्य मुंबई के गामदेवी इलाके में 4 मई 2001 को गोल्डन क्राउन होटल के मालिक जया शेट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि शेट्टी को छोटा राजन गिरोह की ओर से रंगदारी के लिए धमकी भरे कॉल आते थे। भुगतान न कर पाने के कारण उनकी हत्या कर दी गई।

विशेष अदालत ने मई 2024 में इस मामले में राजन को दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा राजन पहले से ही वरिष्ठ पत्रकार जे. डे की हत्या में भी उम्रकैद की सजा काट रहा है।

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