यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन खतरा कायम

दिल्ली में लगातार बारिश और हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने यमुना के जलस्तर को और बढ़ा दिया है। फिलहाल नदी खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों और यमुना किनारे बसी कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया है। कई बस्तियों में लोग घर छोड़कर सड़क किनारे या तंबुओं में रहने को मजबूर हैं।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस सप्ताहांत दिल्ली-एनसीआर में मध्यम से तेज बारिश की संभावना है। शुक्रवार से रविवार तक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भारी बारिश हो सकती है। विभाग के अनुसार, आज राजधानी में अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। आने वाले चार से पांच दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश जारी रहने का अनुमान है।

बारिश और बाढ़ ने मिलकर लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। कई जगह जलभराव से यातायात बाधित है, वहीं यमुना किनारे बसी बस्तियों में लोग अब भी पानी में फंसे हुए हैं। हालांकि गुरुवार को जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। पुराने रेलवे पुल पर गुरुवार को नदी का स्तर 207.48 मीटर तक पहुंचा था, जो शुक्रवार सुबह 8 बजे घटकर 207.31 मीटर दर्ज किया गया। बावजूद इसके खतरे का निशान (205.33 मीटर) अभी भी करीब दो मीटर ऊपर बना हुआ है।

यमुना का पानी अब दिल्ली सचिवालय, रिंग रोड, बुराड़ी, अलीपुर, मयूर विहार फेज-1 के राहत शिविर, सिविल लाइन्स, निगम बोध घाट, वासुदेव घाट और मजनूं का टीला तक पहुंच गया है। कई जगहों पर नावों के सहारे लोगों को निकाला जा रहा है।

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