इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने हिसार से सांसद जयप्रकाश पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सांसद उम्रदराज होने के बावजूद बोलने का सलीका नहीं जानते। भगवान उन्हें समझ दे। चौटाला ने याद दिलाया कि जयप्रकाश को राजनीति में कदम-दर-कदम उनके दादा ओपी चौटाला ने ही आगे बढ़ाया था। ऐसे में उन्हें संयम और शालीनता के साथ बात करनी चाहिए।
अभय चौटाला रविवार को कैथल पहुंचे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को 25 सितंबर को रोहतक में आयोजित होने वाले ताऊ देवीलाल जयंती समारोह का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से इनेलो कार्यकर्ता शामिल होंगे। चौटाला ने कहा कि हाल ही में हुई कैथल बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि इस बार ताऊ देवीलाल की जयंती रोहतक में मनाई जाएगी। इसको लेकर रोहतक इकाई ने विशेष आग्रह किया था।
उन्होंने जानकारी दी कि जयंती समारोह से पहले 90 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम तय किए गए हैं, जिनमें से 30 पूरे हो चुके हैं और 8 सितंबर तक शेष भी संपन्न हो जाएंगे। चौटाला ने दावा किया कि अब तक हुए आयोजनों से कार्यकर्ताओं में जोश देखने को मिला है। इस बीच 2 सितंबर को पार्टी पदाधिकारी रोहतक जाकर तैयारियों का जायजा लेंगे।
उन्होंने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधा और कहा कि रोहतक की जनता कभी चौधर के नाम पर उनके साथ खड़ी थी, लेकिन अब उनकी हकीकत सामने आ चुकी है। लोग अब इनेलो से जुड़ने की ओर रुख कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोज तीन-चार हत्याएं, 10-12 अपहरण और चार-पांच दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हो रही हैं। ये आंकड़े खुद सरकार के हैं।
चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि वे आज भी हरियाणा की राजनीति में उलझे हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री रहते हुए उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी कुछ और है। विधानसभा की कार्यवाही को सार्वजनिक न करके सरकार अपनी नाकामियां छिपा रही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सांसद जयप्रकाश ने अभय चौटाला और जजपा नेता दिग्विजय चौटाला को मिली कथित धमकियों पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि यदि धमकियां सच हैं तो यह लोकतंत्र में अनुचित है, लेकिन इनेलो नेता दिनभर प्रचार में व्यस्त रहते हैं। साथ ही उन्होंने अभय चौटाला पर आरोप लगाया था कि 2014 में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उन्होंने जनविरोधी नीतियों पर चुप्पी साधे रखी और केवल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की गिरफ्तारी की मांग तक सीमित रहे।