हरियाणा में दिखावे और स्टेटस सिंबल के नाम पर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की प्रथा पर अब सख्ती की जा रही है। राज्य सरकार ने ऐसे सभी लोगों से सुरक्षा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो बिना वास्तविक खतरे के सिर्फ रुतबा दिखाने के लिए पुलिसकर्मियों का उपयोग करते थे।
जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला सहित पांच नेताओं से पीएसओ हटाए जाने के बाद विभिन्न जिलों में कुल 72 व्यक्तियों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। जिला स्तर पर हुई समीक्षा में पता चला कि कई लोग मनगढ़ंत धमकियों का हवाला देकर सुरक्षा कर्मियों का उपयोग कर रहे थे। इसी के बाद 200 से अधिक पीएसओ अलग-अलग सुरक्षा ड्यूटी से हटा दिए गए हैं।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जिन व्यक्तियों को वास्तव में सुरक्षा की जरूरत है, उन्हें न सिर्फ हथियार लाइसेंस दिया जाएगा, बल्कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे से किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा देने से पहले सीआईडी की विस्तृत जांच अनिवार्य होगी और केवल वास्तविक खतरा पाए जाने पर ही सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए सभी एडीजीपी, आईजी, सीपी, एसपी, डीएसपी और थाना प्रभारियों को निर्देश भेजे गए हैं।
डीजीपी ने कहा कि कई मामलों में ऐसे लोग भी सुरक्षा लेकर घूमते मिले हैं जो स्वयं आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और बाद में खतरे का हवाला देते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए। सिंह ने टिप्पणी की कि संसाधनों की कमी के बीच बिना जरूरत पुलिसकर्मियों को तैनात करना फोर्स की क्षमता को कमजोर करता है।
जिन लोगों को वास्तविक रूप से गुंडों से खतरा है, उनके लिए पुलिस ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसे लोगों को हथियार लाइसेंस और प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने तथा सुरक्षा संबंधी उपायों की नियमित मॉनिटरिंग रखने को कहा गया है। साथ ही, निजी सुरक्षा तैनाती की साप्ताहिक समीक्षा करने को भी अनिवार्य किया गया है, ताकि पुलिस बल अपने मूल दायित्व—अपराध नियंत्रण—से विचलित न हो।
अपने पत्र में डीजीपी ने कड़े संदेश के साथ शायराना अंदाज भी अपनाया। उन्होंने लिखा, “आंधी-तूफान आते रहेंगे, बचाव खिड़की-दरवाजे बंद करने में है।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पेशेवर अपराधियों की गतिविधियों को पूरी तरह बंद करने के लिए उनके साथ जुड़े हर व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जाए, चाहे वह जेल में हो, जमानत पर हो या फरार।
इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि बेल पर बाहर घूम रहे अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त की जाए, कब्जे हटाए जाएं, पासपोर्ट जब्त किए जाएं और हिस्ट्रीशीट को अद्यतन रखा जाए। फरार अपराधियों को भगोड़ा घोषित कर उनकी संपत्ति की कुर्की तथा लुकआउट या रेड कार्नर नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि वे देश छोड़कर भाग न सकें।