चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में देर रात हुई मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया। चंडीगढ़ की सुखना लेक का जलस्तर 1163.70 मीटर तक बढ़ गया। लेक के फ्लड गेट खोलने से मोहाली में भी पानी जमा हो गया।
चंडीगढ़ में किशनगढ़ पुल और सेक्टर 26 बापूधाम के पीछे बने पुलों को नुकसान पहुंचा। किशनगढ़ में आधी सड़क बह गई और वहां लगी जाली भी पानी में बह गई। बापूधाम के पुल की लोहे की जालियां भी पानी और पेड़ों की मोटी टहनियों से टकराकर बह गईं।
मोहाली में फेज पांच के रिहायशी इलाके में निगम ने पम्प लगाकर पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन पाइप की समस्या के कारण पानी घरों के सामने कई घंटे तक खड़ा रहा। वहीं, फेज 11 के निवासियों ने जलनिकासी की समस्या को लेकर सड़क जाम कर दिया।
शुक्रवार सुबह घग्गर नदी का जलस्तर 70,000 क्यूसेक पार कर गया। बारिश और सुखना लेक के गेट खुलने के कारण डेराबस्सी उपमंडल के तटबंधों पर बसे गांवों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
भारी बारिश के बाद मोरनी से पंचकूला जाने वाले मार्ग बंद हो गए। टिक्कर ताल और अन्य लोकल रूट पर मलबा जमा हो गया। अलीपुर खटौली मार्ग पर टांगरी नदी का पुल टूट गया। बलटाना चौकी और ढकौली थाने में पानी भर गया, जिसमें दो पुलिसकर्मी करंट लगने से घायल हुए और उन्हें ढकौली अस्पताल में भर्ती कराया गया।