हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी स्थित सिल्हबुधानी के कोरतंग क्षेत्र में देर रात बादल फटने की एक और घटना ने तबाही मचा दी। हालांकि राहत की बात यह रही कि इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। सोमवार को बादल फटने की कई घटनाओं के बाद अभी जख्म भरे भी नहीं थे कि रविवार को फिर से भारी बारिश की चेतावनी ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन में ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है। बाढ़ की आशंका कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में जताई गई है। 7 और 8 जुलाई के लिए पूरे प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट और 9 जुलाई को येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
बारिश बनी बाधा, फ्लाइटें रद्द
लगातार बारिश के चलते शनिवार को गगल एयरपोर्ट पर दिल्ली और चंडीगढ़ से कोई उड़ान नहीं उतर सकी। इंडिगो की दो और स्पाइस जेट की दो फ्लाइटों को रद्द करना पड़ा।
सड़कें बंद, बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित
भारी वर्षा और भूस्खलन की वजह से प्रदेशभर में 239 सड़कें, 258 ट्रांसफॉर्मर और 289 जल आपूर्ति योजनाएं फिलहाल बाधित हैं। इनमें अकेले मंडी जिले में 176 सड़कें बंद हैं, जिनमें सराज क्षेत्र की 85 सड़कें प्रमुख हैं। मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में 72 लोगों की जान जा चुकी है और कुल नुकसान का आकलन 566.87 करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है।
दो शव बरामद, आपदा से मरने वालों की संख्या 18
नादौन और कांगड़ा से दो शव बरामद हुए हैं। नादौन के ब्यास नदी किनारे बटाली क्षेत्र में मिले शव की पहचान मंडी जिले के सैंज निवासी 30 वर्षीय इंद्रदेव के रूप में हुई है। इसके साथ ही मंडी में आपदा जनित मौतों की संख्या 18 हो गई है।
सरकार की तैयारियां और राहत प्रयास
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वस्त किया है कि सरकार आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को खाद्य सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। जहां सड़कें टूटी हैं, वहां खच्चरों की मदद से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रभावित परिवारों को प्रति माह ₹5,000 किराया सहायता देने की भी घोषणा की गई है। अब तक मंडी जिले में 1,317 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं।
थुनाग में नेटवर्क सेवा बहाल, हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री भेजी गई
सराज और थुनाग क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं। थुनाग में दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है और कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी शुरू हो गई है। दो हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाई जा रही है।
गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित पहुंचाया गया करसोग
शनिवार को जंजैहली क्षेत्र से दो गर्भवती महिलाओं को पालकी, पैदल यात्रा और वाहन के माध्यम से करसोग पहुंचाया गया। यह रास्ता करीब 8 से 10 किलोमीटर लंबा था।
सेब की फसल को भारी क्षति
सराज क्षेत्र में बादल फटने के कारण सेब की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा है। स्थानीय निवासी दिनेश ने बताया कि उनके बाग में लगे करीब एक हजार पौधे नष्ट हो गए, जिनमें कई 25 साल पुराने पेड़ भी शामिल थे। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार और पालतू जानवर सुरक्षित हैं।