हिमाचल प्रदेश में बनी 54 दवाओं समेत देशभर की कुल 143 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। जुलाई में अगस्त में जारी ड्रग अलर्ट में यह जानकारी सामने आई। सोलन जिले की 41, सिरमौर की छह, कांगड़ा की पांच और ऊना जिले की दो दवा कंपनियों के सैंपल फेल पाए गए। बद्दी की एक कंपनी के पांच सैंपल और कुछ कंपनियों के दो-तीन सैंपल भी अस्वीकृत हुए।
फेल हुए सैंपलों में संक्रमण, पेट की जलन, सीने में दर्द, एलर्जी, उच्च रक्तचाप, मांसपेशियों में जकड़न, आंख व कान की दवा, मिर्गी, बुखार और फंगल इंफेक्शन से जुड़ी दवाएं शामिल हैं। बद्दी, सोलन, सिरमौर और ऊना की कई कंपनियों के अलग-अलग दवा सैंपल फेल पाए गए हैं, जिनमें कैल्शियम, विटामिन डी-3, मिग्रेन, डेक्लोफेनिक, मिथाइलप्रेडनिसोलोन, टेल्मीसार्टन, केटोकोनाजोल और अन्य दवाएं शामिल हैं।
राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। साथ ही, बाजार से इन दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाया जाएगा और नियमों के तहत संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।