हिमाचल प्रदेश में बरसात का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्यभर में जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं, जबकि कई इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। राजधानी शिमला समेत कई जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं।
शिमला में भूस्खलन से संकट
राजधानी शिमला के बैनमोर वार्ड स्थित राजभवन क्षेत्र में सोमवार देर रात भारी भूस्खलन से सड़क अवरुद्ध हो गई और आसपास के आवासों पर खतरा मंडराने लगा। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से मकान खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह महापौर सुरेंद्र चौहान, नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर नुकसान का आकलन किया।
भट्टाकुफर फल मंडी में पहाड़ी दरकी
सुबह करीब 8:30 बजे शिमला के भट्टाकुफर स्थित फल मंडी के पास अचानक पहाड़ी दरक गई। उस समय मंडी में व्यापार चल रहा था। पत्थर गिरने की आवाज सुनते ही व्यापारी सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। इस दौरान ऑक्शन यार्ड की जालियां टूट गईं, हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
चौहारघाटी में भारी तबाही
मंडी जिले की दुर्गम चौहारघाटी में सोमवार रात और मंगलवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश से व्यापक नुकसान हुआ। शिल्हबुधाणी और तरस्वाण पंचायतें सबसे अधिक प्रभावित रहीं। तेज बहाव में छह फीट चौड़ा पुल, एक वाहन, एक दुकान और सैकड़ों बीघा फसल बह गई। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई। प्रभावित लोग नालों के उफान से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह और संबंधित विभागों की टीमें मौके पर पहुंचीं और क्षेत्र के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई।
कुल्लू में बादल फटने से भारी नुकसान
कुल्लू के लगघाटी की चौपाड़सा पंचायत के कड़ौन गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची। करीब 15 परिवारों की कृषि भूमि बह गई, जबकि दो मकान, तीन दुकानें और दो पुल जलधारा में समा गए। भूभू जोत क्षेत्र में बादल फटने से नालों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे चार पंचायतों का संपर्क कट गया। भूतनाथ ब्रिज से जुड़ने वाली सड़क का 50 मीटर हिस्सा बह गया।
मौसम विभाग का अलर्ट
पिछली रात जुब्बड़हट्टी में 73 मिमी, अंब में 56 मिमी, भुंतर में 44.8 मिमी और शिमला में 38 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 25 अगस्त तक राज्य में बरसात जारी रहने की संभावना जताई है। 19 और 22 से 25 अगस्त के बीच भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सोलन में पानी की किल्लत गहराई
सोलन शहर में गिरि और अश्वनी पेयजल योजनाओं से आपूर्ति बाधित हो गई है। शहर के कई वार्डों में लगातार नौ दिन से पानी नहीं आ रहा, जिससे नागरिकों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है।
किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित
लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते किन्नौर कैलाश यात्रा को इस वर्ष के लिए बंद कर दिया गया है। जिला उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि मार्ग की स्थिति अत्यंत खतरनाक होने के कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत यह निर्णय लिया गया।
पंडोह डैम से छोड़ा गया पानी
कुल्लू में पंडोह डैम का जलस्तर अचानक बढ़कर 60,000 क्यूसेक तक पहुंच गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीबीएमबी प्रशासन ने डैम के तीन गेट खोल दिए और ब्यास नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा। अधिकारियों के अनुसार फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन लगातार निगरानी जारी है। लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।