शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन संसद में चली तनातनी के बाद गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया। विपक्ष और सरकार के बीच बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि एसआईआर (SIR) को लेकर सीधी टकराव की बजाय चुनाव सुधारों जैसे व्यापक मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
सोमवार और मंगलवार को लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने सरकार की ओर से चर्चा के लिए हामी तो भरी, लेकिन कहा कि बहस चुनाव सुधारों के बड़े दायरे में ही हो सकेगी। इसके साथ सरकार ने वंदे मातरम् पर प्रस्तावित चर्चा पर भी विपक्ष का समर्थन मांगा।
विपक्ष क्यों माना?
बैठक में सरकार ने साफ किया कि वह मुद्दों पर खुली बहस के पक्ष में है, लेकिन चर्चा को केंद्रित करने के लिए व्यापक परिप्रेक्ष्य आवश्यक है। इस प्रस्ताव पर विपक्ष सहमत हो गया, जिससे बुधवार से सदन की सुचारू कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया।
सपा महिला सांसदों की तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा में
इसी बीच समाजवादी पार्टी की महिला सांसदों की संसद पहुंचने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहीं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि सपा की महिला जनप्रतिनिधि संसद में PDA (पिछड़ा–दलित–अल्पसंख्यक) की ताकत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ‘आधी आबादी’ को वास्तविक सशक्तिकरण प्रतिनिधित्व देने से ही मिलेगा, और सपा की ‘स्त्री सम्मान–समृद्धि योजना’ इसी दिशा में उनका संकल्प है। तस्वीरों में कन्नौज सांसद डिंपल यादव, कैराना सांसद इकरा हसन और मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज एक साथ दिखाई दे रही हैं।
वंदे मातरम् और चुनाव सुधारों पर विस्तृत बहस
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय किया गया कि 8 दिसंबर को लोकसभा में वंदे मातरम् पर 10 घंटे लंबी चर्चा होगी। इसके अगले दिन चुनाव सुधारों पर बहस शुरू की जाएगी, जिसके लिए भी 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। जरूरत पड़ने पर चर्चा बुधवार तक जारी रह सकती है।
इसके बाद दोनों मुद्दों पर राज्यसभा में भी समान क्रम में विचार-विमर्श होगा। दोनों सदनों में बहस सामान्य नियमों के तहत होगी, और किसी भी विषय पर मत विभाजन की प्रक्रिया नहीं होगी।