चौहारघाटी के राजबन गांव में बादल फटने के बाद लापता हुए हरदेव (30) पुत्र भगत राम की तलाश लगातार जारी है। बादल फटने से आए मलबे को पोकलेन मशीन द्वारा एक बार पलट कर देख लिया गया है, लेकिन लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं मिला है। अब हरदेव को ढूंढने के लिए तलाशी अभियान का दायरा बढ़ा दिया गया है।

खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है। इस हादसे में लापता 10 में से 9 लोगों को ढूंढ लिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लगातार कार्य कर रहे हैं। एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार को सर्च अभियान की देखरेख करने के लिए भेजा गया है। बुधवार को उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन में ही सर्च अभियान चलाया गया।

कार्यवाहक एसडीएम डॉ. भावना वर्मा और डीआरओ हरीश शर्मा लगातार सर्च अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रभावित परिवारों को गैस कनेक्शन दे दिए गए हैं। राशन और मेडिकल किटें भी उपलब्ध करवा दी गई हैं। वहीं, सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की राशि भी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन आपदा पीड़ितों पर लगातार नजर रख रहा है। उन्होंने हर प्रकार की सहायता आगे भी दी जाती रहेगी।

लापता अमन का कटा हुआ पांव मिला
चौहार घाटी के राजबन गांव में बादल फटने की घटना के बाद लापता लोगों के शव शत विक्षत हालत में मिले हैं। धड़ अलग और सिर अलग भी मिले हैं। बुधवार को राजबन गांव में ही नाले के पास लापता अमन का पांव मिला है। अमन का शव पहले ही बरामद हो चुका था। शव में पांव नहीं था। सर्च ऑपरेशन के दौरान नाले के पास बरामद हुआ है। इस तरह शव के अन्य भाग मिलने से चीख पुकार मच गई। उधर, पूर्व प्रधान ओम प्रकाश ने बताया कि घटना दुखद है।