रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार से दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा चार वर्षों बाद उनकी पहली भारत यात्रा है, और दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर विशेष महत्व रखती है। इस दौरान दोनों सरकारें रक्षा उत्पादन, ऊर्जा सहयोग और द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने पर केंद्रित बातचीत करेंगी।

दिल्ली पहुंचते ही पीएम मोदी ने किया स्वागत

पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता एक ही वाहन में एयरपोर्ट से रवाना हुए, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सम्मान में निजी डिनर का आयोजन किया।


शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत कार्यक्रम होगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। दोनों नेता प्रमुख रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पुतिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे और दिन में रूसी अंतरराष्ट्रीय प्रसारणकर्ता के भारत-स्थित नए चैनल का शुभारंभ करेंगे। शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगी।

रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष

भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी वर्ष 2000 में शुरू हुई थी। बाद में 2010 में इसे ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का दर्जा दिया गया। पुतिन की यह यात्रा दोनों देशों के लंबे और विश्वसनीय संबंधों को फिर से स्थापित करने का अवसर मानी जा रही है।

रक्षा सहयोग पर बड़ी उम्मीदें

शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने विस्तृत चर्चा की। इसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की अतिरिक्त आपूर्ति, यूक्रेन संकट के कारण लंबित सैन्य हार्डवेयर की डिलीवरी और भविष्य की रक्षा आवश्यकताओं पर बात हुई।
क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि रूस भारत को अत्याधुनिक Su-57 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने की संभावना पर भी विचार कर रहा है। यह प्रस्ताव भारत के विमान बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है।

ऊर्जा और व्यापार भी केंद्र में

भारत रूस से रियायती दर पर कच्चे तेल का एक बड़ा खरीदार रहा है, हालांकि कुछ रूसी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद आयात में कमी दर्ज की गई है। इस बीच भारतीय पक्ष उम्मीद कर रहा है कि पुतिन के साथ आए बड़े व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल से व्यापार संतुलन सुधारने में मदद मिलेगी।


शिपिंग, उर्वरक, स्वास्थ्य सेवाएं और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में नए समझौते होने की संभावना जताई गई है।

दिल्ली में हाई अलर्ट सुरक्षा व्यवस्था

राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय क्षेत्र में अभूतपूर्व सुरक्षा तैनाती की है। 5,000 से अधिक कर्मियों, SWAT टीमों, स्नाइपर्स, एंटी-ड्रोन सिस्टम, हाई-डेफिनिशन CCTV और त्वरित प्रतिक्रिया इकाइयों को तैनात कर बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है।

शुक्रवार रात प्रस्थान की संभावना

रूसी राष्ट्रपति शुक्रवार रात अपने कार्यक्रम पूरे कर भारत से रवाना होंगे। उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रता और भविष्य के सहयोग के नए मार्ग खोलने के रूप में देखी जा रही है।