नई दिल्ली: 2025 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को शानदार जीत पर बधाई दी और उनके प्रदर्शन की सराहना की।
इस दौरान खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट के यादगार पल साझा किए। भारतीय तेज गेंदबाज और हिमाचल की बेटी रेणुका सिंह ठाकुर का एक वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने कहा, “ड्रेसिंग रूम का माहौल हल्का रखने के लिए मैंने मोर का प्रतीक बनाया, क्योंकि यह सकारात्मकता का प्रतीक है।” पीएम मोदी ने इस पर टिप्पणी की, “आपने यहां आते समय भी मोर देखे होंगे।” रेणुका ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां, और मुझे बस मोर ही बनाना आता था, इसलिए मैंने वही बनाया।” टीम की साथी जेमिमा रॉड्रिग्स ने कहा, “उसके बाद वह चिड़िया बनाने लगी थी, लेकिन हमने मना कर दिया।” पीएम मोदी ने रेणुका की मां का भी सम्मान किया और कहा कि उनके कठिन संघर्ष और समर्थन ने रेणुका को आज यहां तक पहुंचाया।
रेणुका सिंह ठाकुर: संघर्ष से सफलता तक का सफर
रेणुका का क्रिकेट सफर कठिनाइयों से भरा रहा। दो साल की उम्र में उनके पिता का देहांत हो गया। उनकी मां सुनीता ने जल शक्ति विभाग में मेहनत करके बच्चों का पालन-पोषण किया। रेणुका की प्रतिभा उनके चाचा भूपेंद्र ठाकुर ने पहचानी, जब वह गांव में लड़कों के साथ कपड़े की गेंद और लकड़ी के बल्ले से खेल रही थीं। उन्होंने रेणुका को धर्मशाला क्रिकेट अकादमी भेजा और 13 वर्ष की उम्र में उसने अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया।
इसके बाद रेणुका ने भारत की महिला टीम, इंडिया वुमन ग्रीन, इंडिया बी वुमन और अन्य टीमों में प्रदर्शन किया। 2019 में उन्होंने बीसीसीआई महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट में 23 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं। 7 अक्टूबर 2021 को उन्हें भारतीय टीम में पदार्पण का मौका मिला। राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने पांच मैचों में 11 विकेट लिए। हाल ही में उन्हें आईसीसी की वनडे और टी-20 टीम में जगह मिली और उन्हें वर्ष 2022 की उभरती खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला। पहली महिला आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें 1.40 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया।
बचपन से ही क्रिकेट का शौक
रेणुका की मां सुनीता बताती हैं कि रेणुका बचपन में मोहल्ले के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। “उनके पिता क्रिकेट प्रेमी थे और चाहते थे कि उनके बच्चों में से कोई खेल में आगे आए। वे हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन रेणुका ने उनके सपने को साकार किया।”
पीएम मोदी के साथ इस मुलाकात ने न केवल टीम की ऐतिहासिक जीत को उजागर किया, बल्कि रेणुका सिंह ठाकुर जैसी खिलाड़ियों की संघर्षपूर्ण यात्रा और उनके व्यक्तिगत संघर्ष को भी सबके सामने रखा।