हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में रोबोटिक सर्जरी सेवाओं की शुरुआत की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में सरकार जल्द ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, जिससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उन्नत और आधुनिक इलाज की सुविधाएं मिल सकेंगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इन नियुक्तियों के लिए प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोबोटिक सर्जन न केवल ऑपरेशन करेंगे, बल्कि अन्य डॉक्टरों को इस तकनीक में प्रशिक्षित भी करेंगे। इससे प्रदेश में कुशल चिकित्सकों की टीम तैयार की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि शिमला के चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी में दिल्ली एम्स जैसी सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है, जहां जल्द ही रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। इसके अलावा टांडा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में भी यह सुविधा स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि शिमला के आईजीएमसी और हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में भी रोबोटिक सर्जरी मशीनें लगाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरा जाएगा। इसी क्रम में निदेशालय स्तर पर 100 नए मेडिकल अफसरों की भर्ती और चमियाना में 50 अतिरिक्त नर्सों की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही पैरा मेडिकल, तकनीकी और सहायक स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के मानदेय में भी वृद्धि की है। ऑपरेशन थियेटर सहायकों का मानदेय 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है, जबकि रेडियोग्राफर और एक्स-रे तकनीकी कर्मचारियों को अब 13,100 रुपये के बजाय 25,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 23 साल बाद प्रमुख कोर्सेज़ में सीटों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग तथा एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी कोर्स में सीटें 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज में भी इन कोर्सेज़ में सीटें 18 से बढ़ाकर 50 की गई हैं। इससे स्थानीय युवाओं को प्रदेश में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।