जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ बढ़ाने, प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ने, छोटे व्यापारियों को अवसर देने और पर्यटन निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025, प्रवासी राजस्थानी नीति-2025, राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 और राजस्थान पर्यटन नीति-2025 को मंजूरी दी गई।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि अब विभिन्न अधिनियमों में मामूली उल्लंघन या तकनीकी गलती पर कारावास की बजाय केवल जुर्माना का प्रावधान होगा। उदाहरण के तौर पर राजस्थान वन अधिनियम-1953 के तहत अनजाने में वन भूमि में मवेशी चराने पर अब केवल जुर्माना लगेगा, जबकि पहले छह माह तक कारावास का प्रावधान था। इसी तरह उद्योग और जल उपयोग संबंधी अन्य अधिनियमों में भी आपराधिक दंड हटाकर केवल अर्थदंड लगाने का निर्णय लिया गया।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि प्रवासी राजस्थानी नीति-2025 के तहत एनआरआर निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल बनाई जाएगी। इसके साथ ही प्रवासी राजस्थानियों के योगदान को मान्यता देने के लिए प्रवासी राजस्थानी दिवस और सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे।

राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 छोटे व्यापारियों को बड़े ट्रेड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करेगी। नीति के तहत राज्य के 10.5 लाख रिटेल स्टोर्स और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार को ध्यान में रखते हुए निवेश, रोजगार और एमएसएमई विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

राजस्थान पर्यटन नीति-2025 में निजी निवेश को प्रोत्साहन, पर्यटन हब और धार्मिक स्थलों का विकास, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार, पर्यटन सुरक्षा, विशेष पर्यटन क्षेत्र, एडवेंचर टूरिज्म, कुलिनरी टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और प्रमुख मेलों-उत्सवों का आयोजन शामिल है। किशनगढ़ एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया।

अनुकंपा नियुक्तियों के आवेदन की अवधि अब 180 दिन की जाएगी और आरक्षित सूची का वैधता काल बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया गया है। मोटर वाहन उप निरीक्षक पद पर अब उच्चतर योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा लंबित विभागीय बैठकों के लिए नियमों में संशोधन और मृत या स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल एवं पैरा-मिलिट्री कर्मियों के आश्रितों के लिए अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रावधान भी जोड़े गए।