संजौली में विवादित मस्जिद को लेकर गतिरोध जारी है। शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जमकर नारेबाजी की और करीब 10 मिनट तक चक्का जाम किया। दोपहर 1 बजे प्रशासन और समिति के पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें कई मांगों पर सहमति बनी।
बैठक में यह तय हुआ कि समिति पर दर्ज कुछ एफआईआर वापस ली जाएं और विवादित ढांचे का बिजली-पानी काटने का मामला आगे बढ़ाने पर विचार किया जाए। हालांकि, समिति के पदाधिकारी बिजली-पानी काटने की मांग पर ही अड़े रहे और प्रदर्शन स्थल पर तनाव बना रहा। राज्य के अन्य जिलों से आए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी प्रशासन से कार्रवाई की तुरंत मांग करते रहे। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने स्थल पर तैनाती बढ़ा दी।
तीन दिन तक आमरण अनशन पर बैठे रहे पदाधिकारी
समिति के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे थे। प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर उन्होंने अनशन समाप्त किया। समिति की मुख्य मांगें हैं कि नगर निगम और जिला अदालत द्वारा अवैध घोषित विवादित ढांचे का बिजली-पानी कनेक्शन काटा जाए और नमाज सहित अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने वाले लोगों के रास्ते रोकने के मामले में दर्ज एफआईआर भी वापस लेने की मांग की गई।
विजय शर्मा और मदन ठाकुर का बयान
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद उनकी मांगों पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए उन्होंने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया। समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार, नगर निगम शिमला और प्रशासन विरोधी कदम उठा रहे हैं।
वहीं संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि जिला अदालत के फैसले के खिलाफ वे प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रहे हैं और इसकी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।